उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट में, निवेशकों ने दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों तक पहुँचने वाली उत्तराखंड की हेल्थकेयर सुविधाओं के विस्तार की प्रतिबद्धता जताई है, और इसके साथ ही सरकार के प्रयासों का पूरा समर्थन और सहयोग करने का आश्वासन दिया है।समिट के शुरूआती दौर तक राज्य के हेल्थकेयर एवं फार्मा सेक्टर में लगभग साढे अठारह हजार करोड़ के पॅूंजी निवेश के एमओयू किए जा चुके हैं। सरकार और निवेशकों ने निश्चय किया है कि प्रस्तावित निवेश को जमीन पर उतारने के लिए अगले दौर की कार्रवाई तेजी से पूरी की जाएगी।

इन्वेस्टर्स समिट में हेल्थकेयर सेक्टर पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व के चलते उत्तराखंड विकास की राह में तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने अपनी नीतियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन करके राज्य के तेजी से विकास और नए और बेहतर रोजगार के अवसरों की रचना के लिए प्रयासरत होने के साथ-साथ, निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने पर विशेष गौर किया है।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड संभावनाओं, संसाधनों व क्षमताओं से परिपूर्ण और निवेश के लिए सर्वथा उपयुक्त राज्य है।राज्य सरकार ने निवेशकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, विशेष नीतियों को तैयार किया है जो प्रक्रियाओं और नियमों को सरल और सुविधाजनक बनाती हैं। इससे निवेशकों का राज्य में विश्वास बढ़ता है और उनमें और अधिक निवेश करने की इच्छा बढ़ रही है। उन्होंनें कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के विकास के सारथी बनने वाले निवेशकों का विश्वास कभी भंग नहीं होने देगी और कोई भी समस्या आने पर मजबूती से उनके साथ खड़ी रहेगी। रेखा आर्या ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक गुणवत्तापूर्ण व सर्वसुलभ बनाने के लिए सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता से काम कर रही है। उन्होंने सरकार के इन प्रयासों में सहयोग करने तथा दूरस्थ पर्वतीय इलाकों तक बेहतर हेल्थ केयर सुविधाएं जुटाने के लिए निजी क्षेत्र से निरंतर सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि देवभूमि में उनका निवेश पुण्य का भी सबब बनेगा।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने उत्तराखंड के हेल्थकेयर एवं फार्मा सेक्टर में निवेश की संभावनाओं व जरूरतों को रेखांकित करते हुए राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं और इससे जुड़ी नीतियों के बारे में जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता में वृद्धि तथा गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर की बढ़ती मांग के चलते हमें निरंतर बढ़ती आबादी की स्वास्थ्य संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग की नितांत आवश्यकता है। सरकार व निजी क्षेत्र के सम्मिलित प्रयासों से हम हर क्षेत्र तक स्तरीय हेल्थकेयर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही जन-समुदाय के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधार सकते हैं। राज्य में निजी क्षेत्र के जरिए कुछ अस्पतालों तथा 108 एंबुलेंस सेवा के संचालन के अनुभव का उल्लेख करते हुए डा. राजेश कुमार ने कहा कि हेल्थ एवं फार्मा सेक्टर में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने नीतियों में अनुकूल बदलाव करने के साथ की अनेक सहूलियतों का प्राविधान किया है। राज्य सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज, हर्रावाला देहरादून स्थित 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी कैंसर अस्पताल, मोतीनगर हल्द्वानी स्थित 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, हरिद्वार स्थित 200 बेड के एमसीएच सेंटर को लीज-ऑन एंड ट्रांसफर मॉडल पर निजी क्षेत्र के सहयोग से संचालित करने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य में हेल्थकेयर पर निवेश की प्रचुर संभावनाएं हैं।

समिट के हेल्थकेयर सत्र में अपोलो हेल्थ केयर में सीएफओ कृष्णन अखिलेश्वरन, टाटा 1एमजी के वाइस प्रेसिडेंट डा. प्रशांत नाग, ग्राफिक एरा हॉस्पिटल के चेयरमैन प्रो. कमल घनशाला, हेल्थकेयर रोडिक कंसल्टेंट प्रा.लि. के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आलोक सक्सेना, कृष्णा डाईग्नोस्टिक की प्रतिनिधि करिश्मा, एनएचएम उत्तराखंड की मिशन डायरेक्टर स्वाति एस भदौरिया ने विचार रखे। संचालन स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डा. अमित शुक्ला ने किया।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *