भारत के राष्ट्रपति के एड-डी-कैम्प (ADC) कैसे बनें: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड (500 शब्दों में हिंदी में)

आपने कई बार आधिकारिक कार्यक्रमों, राजकीय दौरों या राष्ट्रपति भवन के समारोहों में राष्ट्रपति के पीछे एक वर्दीधारी अधिकारी को खड़े हुए देखा होगा। यह अधिकारी होता है एड-डी-कैम्प (Aide-de-Camp) — एक ऐसा पद जो अत्यंत सम्मान और जिम्मेदारी से जुड़ा होता है। भारत के राष्ट्रपति का एडीसी बनना किसी भी युवा सैन्य अधिकारी के लिए गौरव की बात मानी जाती है। यह न केवल सैन्य प्रतिष्ठा का प्रतीक है, बल्कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के साथ निकटता से काम करने का अवसर भी है।

तो आइए समझते हैं कि इस प्रतिष्ठित भूमिका को निभाने के लिए किन चरणों से गुजरना पड़ता है:


1. सशस्त्र बलों में अधिकारी बनना

राष्ट्रपति के एडीसी बनने का पहला और अनिवार्य कदम है कि आप भारतीय सशस्त्र बलों (थलसेना, वायुसेना या नौसेना) में एक कमीशंड अधिकारी हों। इसके लिए आपको NDA, CDS या संबंधित एंट्रेंस एग्ज़ाम पास कर प्रशिक्षण संस्थानों जैसे NDA, IMA, OTA आदि से प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।


2. उत्कृष्ट सेवा रिकॉर्ड और छवि

राष्ट्रपति का एडीसी चुना जाना केवल योग्यता ही नहीं, बल्कि उत्कृष्ट चरित्र, नेतृत्व कौशल और सेवा रिकॉर्ड पर भी आधारित होता है। आपका अनुशासन, व्यवहार, नेतृत्व क्षमता और प्रोफेशनलिज्म आपके चयन को प्रभावित करता है।


3. कर्नल या समकक्ष अधिकारी द्वारा नामांकन

सेना, वायुसेना और नौसेना — तीनों बलों से 1-1 युवा अधिकारी को राष्ट्रपति का एडीसी चुना जाता है। इन अधिकारियों के नाम वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपति सचिवालय को भेजे जाते हैं। चयन के लिए उम्मीदवारों का प्रोफाइल, सेवा अनुभव और प्रतिष्ठा का गहन परीक्षण होता है।


4. फिजिकल फिटनेस और पर्सनैलिटी

राष्ट्रपति के साथ काम करने वाले अधिकारी की शारीरिक फिटनेस बेहतरीन होनी चाहिए। इसके अलावा उनकी वर्दी पहनने का तरीका, बॉडी लैंग्वेज, शिष्टाचार और संवाद क्षमता भी उच्च स्तर की होनी चाहिए। वे राष्ट्राध्यक्षों, गणमान्य लोगों और विदेशी मेहमानों से मिलते हैं, इसलिए उनकी प्रस्तुति प्रभावशाली होनी चाहिए।


5. कार्यकाल और भूमिका

राष्ट्रपति का एडीसी आमतौर पर 1 से 2 वर्षों के लिए नियुक्त होता है। इस दौरान वे राष्ट्रपत‌ि के साथ हर आधिकारिक कार्यक्रम, समारोह और यात्रा में शामिल होते हैं। वे संचार, सुरक्षा और प्रोटोकॉल संबंधी कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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