समारोह में अपने उदबोद्वन में सुबोध उनियाल मंत्री तकनीकी शिक्षा, वन, भाषा एंव निर्वाचन द्वारा उपस्थित निदेशक प्राविधिक शिक्षा आर०पी० गुप्ता, अपर निदेशक देश राज, तकनीकी शिक्षा विभाग, के विभिन्न अधिकारीगण, पॉलीटेक्निक के प्रधानाचार्य, उत्तराखण्ड पेयजल निगम देहरादून इकाई के परियोजना प्रबन्धक अरविन्द तिवारी, कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षणगण-कर्मचारीगण, मीडिया कर्मी एव छात्र-छात्राओं का स्वागत करते हुए। सर्वप्रथम उन्होंने नववर्ष 2024 की शुभकामानाऐं दी। तथा छात्रों से अध्यापकों से अच्छी शिक्षा प्राप्त कर आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर होने का आहवाहन किया गया। उनके द्वारा ऑटोमोबाईल सेक्टर में सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स, मिनी स्टेडियम के निर्माण कार्य के प्रारम्भ होने पर तथा ननीनीकृत वर्कशॉप एंव लैंग्वेज लैब के लोकापर्ण के अवसर पर बधाई एंव शुभकामानाऐं दी। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि तकनीकी शिक्षा ऐसा क्षेत्र है जिसमें नई एंव आधुनिक तकनीकियों विकसित होती है, जिससे देश आगे बढता है जिसमें छात्र-छात्राऐं वाहक का काम करते हैं। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि ऑटो सेक्टर में आपार संभावनाएं बनी है जिससे रोजगार के लगातार अवसर उपलब्ध होंगे।

उनके द्वारा यह भी आहवाहन किया गया कि छात्र रोजगार लेने वाले बने रोजगार देने वाले बनें। इन्हीं संभवनाओं को दृष्टिगत रखतेहुए, राजकीय पॉलीटेक्निक देहरादून में एस०ए०एस० योजना के अन्तर्गत रू0 852.20 लाख की लागत से “ऑटो मोबाईल गैराज निर्माण एवं उन्नयन कार्य” जिसके अंतर्गत ऑटो मोबाईल वर्कशाप, एक्सटेंसन ऑफ वर्कशाप, मल्टीपरपज हॉल के निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन एवं शिलान्यास करते हुए उन्होंने कहा कि यह पालीटेक्निक ऑटो मोबाईल के क्षेत्र में ‘सेन्टर ऑफ एक्सिलेंस’ के रूप में विकसित होगा एवं सभी कम्पनियों की वाहनों का मेन्टेनेन्स आदि का कार्य यहां किया जा सकेगा तथा छात्र छात्राऐं भी प्रयोगात्मक रूप से दक्ष होंगे। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि मानसिक एंव शारिरिक रूप से छात्र-छात्राओं का स्वस्थ्य रहना बहुत ही आवश्यक है। इसी कड़ी में उनके द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये नारे “फिट इंडिया-खेलो इंडियाँ का भी जिक्र करते हुए छात्र-छात्राओं से आहवाहन किया कि खेल के माध्यम से जीवन में आगे बढ़ने कि प्रेणना देता है साथ ही छात्रों को शिक्षा में भी आगे बढ़ने की प्रेणना मिलती है। इसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य योजना के अन्तर्गत रू0 431.39 लाख की लागत से “मिनीस्टेडियम का निर्माणकार्य” किया जायेगा। जिसके अन्तर्गत आऊट-डोर बास्केटबॉल-वॉलीवॉल कोर्ट, इन-डोर बैडमिंटनकोर्ट, कबड्डी कोर्ट, टेबल टेनिसकोर्ट, इत्यादि का निर्माण किया जायेगा, जिसका भी उनके द्वारा भूमि-पूजन एव शिलान्यास किया गया।

उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि उनकी सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं को गुणवत्ता परक प्रशिक्षण देने के साथ साथ उनके व्यक्तित्व, प्रतिभा को निखारने की दिशा में भी लगातार कार्य कर किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत पॉलीटेक्निको में खेलों के उपयुक्त माहौल तैयार किया जा रहा है जिससे कि छात्र-छात्राओं का शारीरिक व मानसिक विकास सम्भव हो सके और वे देश विदेश मे अपने प्रदेश का नाम रोशन कर सकें।

इस कड़ी में उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि देहरादून के अतिरिक्त 03 अन्य संस्थानों राजकीय पॉलीटेक्निक लोहाघाट, द्वाराहाट एवं काशीपुर में भी मिनीस्टेडियम के निर्माण प्रस्तावित है। उनके द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि वर्कशॉप किसी भी इंजीनियरिंग संस्थान की नींव है। छात्र-छात्राऐं विभिन्न शॉप में प्रशिक्षण लेते हैं। राजकीय पॉलीटेक्निक देहरादून एक पुरानी संस्था है जो कि वर्ष 1983 से स्थापित है यहां की मशीनें पुरानी हो गयी थी, पाठ्यचर्या परिवर्तन के कारण अप्रासंगिक हो गयी थी जिस कारण नयी मशीनों की आवश्यकता थी। भवन भी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था । निदेशालय एवं पॉलीटेक्निक के अथक प्रयास से आज वर्कशाप को नवीनीकृत रूप दिया गया है जिस में छात्र छात्राओं को पाठ्यचर्या के अनुसार विभिन्न शॉप में पूर्ण प्रयोगात्मक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है।

इस के अतिरिक्त देहरादून को वर्कशाप की नवीनीकरण हेतुएस० ए० एस० योजना के अन्तर्गत आधुनिक मशीनें उपलब्ध करायी जा रही हैं जो कि छात्रों को उच्च प्रशिक्षण के लिए सहायक सिद्ध होंगी। उनके द्वारा इस नवीनीकृत कर्मशाला का लोकार्पण भी किया गया । तथा इसके लिए उन्होंने निदेशक प्राविधिक शिक्षा को बधाई दी। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड में छात्रों के पास ज्ञान की कमी नही है लेकिन दूरस्थ स्थानों से आने के कारण उनके प्रस्तुतिकरण, भाषाई सम्बोधन, मुख्यतः अग्रेजी भाषा में बोल चाल आदि में पीछे रहने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर हमारी युवा पीढ़ी पीछे रह जाती है। इसी कड़ी मे हम लोग प्रयासरत हैं कि छात्र छात्राओं को साफ्ट-स्किल में आगे लाया जाए। तद्नुसार राजकीय पॉलीटेक्निक देहरादून में एक उच्चस्तरीय ‘लैंग्वेज लैबोरेट्री’ की स्थापना भी की गयी है। जिसका लोकापर्ण भी उनके द्वारा किया गया। उनके द्वारा आशा व्यक्त की गयी कि इससे छात्र छात्रायें अपनी कम्युनिकेशन स्किल को सुधार सकेंगे।

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