प्रदेश के सरकारी शैक्षिक संस्थानों में आरबीएसके और आरकेएसके कार्यक्रमों का समावेश: एनएचएम के मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया ने जारी किया बयान

प्रदेश के सभी राजकीय एवं सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षिक संस्थानों को आरबीएसके और आरकेएसके कार्यक्रमों के अंतर्गत समाहित किया जाएगा, यह घोषणा स्वाति भदौरिया, एन.एच.एम. के मिशन निदेशक द्वारा गुरुवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सभागार में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके), राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) एवं एनीमिया मुक्त भारत अभियान की राज्य स्तरीय अभिसरण एवं समीक्षा बैठक के दौरान कही।

बैठक में सभी 13 जनपदों और ऋषिकेश के एम्स, दून मेडिकल कॉलेज, क्योर इंडिया, सत्य साईं अस्पताल, मेहरोत्रा अस्पताल, एविडेंस एक्शन के प्रतिनिधियों की उपस्थिति दर्ज की गई, जिन्हें मिशन निदेशक ने संबोधित करते हुए प्रदेश के बच्चों और किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा आरबीएसके, आरकेएसके कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में 0-19 वर्ष के बच्चों को चिकित्सा सुविधा निरंतर प्रदान की जा रही है।
स्वाति भदौरिया, मिशन निदेशक, एन.एच.एम. द्वारा कहा गया कि शैक्षिण संस्थानों में स्वास्थ्य कवरेज बढ़ाई जाने के निर्देश दिए। जिसके संबंध में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों में स्कूल न जाने वाले बच्चों को पंचायती राज विभाग के साथ समन्वय स्थापित करके कवरेज को बढ़ाने का प्रयास किया जाए।

बैठक में अमनदीप कौर, अपर मिशन निदेशक, एन.एच.एम. ने कहा कि बच्चों में बधिरता की जांच के लिए आशा कार्यकर्ता को प्रशिक्षित किया जाए। एन.एच.एम. के निदेशक, डॉ. भागीरथी जोशी ने बताया कि किशोरों की नि:शुल्क जांच पर विशेष महत्व दिया जाएगा।
बैठक में डॉ अर्चना ओझा प्रभारी अधिकारी, पकंज कुमार, डॉ आंचल रावत सहित जनपदों के अपर मुख्यचिकित्साधिकारी, कार्यक्रम प्रबंधक, विभन्न अनुबंधित अस्पतालों के समन्वयक आदि अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

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