इंग्लैंड और भारत के बीच ओवल मैदान पर खेले जा रहे पांचवें और निर्णायक टेस्ट मैच के पांचवे दिन मोहम्मद सिराज ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए। सिराज की पांच विकेट की शानदार फेंक ने भारत को इंग्लैंड के खिलाफ नाटकीय जीत दिलाई। इंग्लैंड अपनी दूसरी पारी में 367 रन पर पूरी तरह से ऑल आउट हो गया और भारत ने महज 6 रन से मैच जीत लिया। इंग्लैंड को जीत के लिए अंतिम दिन 35 रन बनाने थे, लेकिन सिराज के घातक गेंदबाजी प्रदर्शन के साथ-साथ प्रसिद्ध कृष्णा ने भी चार विकेट लिए, जिससे भारत ने सीरीज को 2-2 से बराबर कर दिया और एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी को अपने पास रखा।

मुकाबला अंतिम दिन तक बेहद रोमांचक बना रहा। भारत जब आखिरी दिन के शुरू में कड़ी चुनौती में था, तब प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज ने मैच की दिशा पूरी तरह से बदल दी। खासकर सिराज ने जिस तरह से अंतिम सत्र में विकेट लिए, उसने पूरी टीम की उम्मीदें जीवित कर दीं। इंग्लैंड के अनुभवी बल्लेबाज जो रूट और हैरी ब्रूक जल्दी आउट हो गए, जिससे इंग्लैंड की पारी लड़खड़ा गई। इंग्लैंड ने अंतिम दिन 36 रन के अंदर तीन विकेट गंवा दिए, जिससे भारत की जीत पक्की हो गई।

भारत ने इस मैच में शुबमन गिल की कप्तानी में दमदार क्रिकेट खेला। यह मैच जीतना भारत के लिए बेहद जरूरी था ताकि वह सीरीज बराबर कर सके और प्रतिष्ठित एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी को बरकरार रख सके। मैच के शुरुआती दिनों में इंग्लैंड ने अच्छा खेल दिखाया और बढ़त बनाई, लेकिन भारत की टीम ने हार मानने से इनकार कर दिया और अंतिम दिन जबरदस्त वापसी की।

भारत के लिए मोहम्मद सिराज इस मैच के हीरो रहे। उन्होंने न केवल शानदार गेंदबाजी की बल्कि अहम मौके पर विकेट लेकर टीम को जीत के करीब पहुंचाया। उनकी यह पारी उनके करियर की सबसे यादगार पारी होगी। प्रसिद्ध कृष्णा का भी प्रदर्शन शानदार रहा, जिन्होंने विपक्षी टीम को परेशान करते हुए चार विकेट लिए। उनकी मदद के बिना यह जीत संभव नहीं थी।

इस जीत के साथ भारत ने न केवल सीरीज का ग्रैंड फिनाले बराबर किया, बल्कि अपने हौसले और आत्मविश्वास को भी दिखाया। यह मैच दर्शाता है कि क्रिकेट में कभी भी कुछ भी हो सकता है और किसी भी स्थिति में हार मानना जरूरी नहीं होता। भारत ने अपनी टीम भावना, संयम और मेहनत के दम पर इस रोमांचक मुकाबले को जीत लिया।

अंत में, यह मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार रहा। मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, शुबमन गिल और बाकी टीम के खिलाड़ियों ने इस जीत को संभव बनाया। अब दोनों टीमों के बीच सीरीज 2-2 से बराबर हो गई है और अगले साल फिर से दोनों टीमों के बीच क्रिकेट की नई लड़ाई देखने को मिलेगी। इस जीत से भारतीय क्रिकेट को एक नई ताकत मिली है और युवा खिलाड़ियों ने साबित कर दिया कि वे बड़े मैचों में भी दबाव में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।

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