ADR रिपोर्ट: देश के मंत्रियों में 47% पर आपराधिक मामले, कई पर गंभीर आरोप

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने हाल ही में एक अहम रिपोर्ट जारी की है, जिसमें देशभर के मंत्रियों की संपत्ति और उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी दी गई है। यह रिपोर्ट 27 राज्यों, 3 केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के मंत्रियों द्वारा दाखिल किए गए चुनावी हलफनामों के आधार पर तैयार की गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल 653 मंत्रियों में से करीब 47% यानी 302 मंत्रियों ने खुद पर आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की बात स्वीकार की है। इनमें से 174 मंत्री ऐसे हैं, जिन पर हत्या, बलात्कार, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप लगे हुए हैं। ये आंकड़े भारतीय राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठाते हैं।

पार्टीवार आंकड़ों पर नज़र डालें तो, भाजपा के 136 मंत्री और कांग्रेस के 45 मंत्री ऐसे हैं जिन पर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसका मतलब यह है कि देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में भी ऐसे नेताओं की संख्या कम नहीं है, जिन पर जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठ सकते हैं।

अगर हम केंद्र सरकार के मंत्रियों की बात करें, तो कुल 72 केंद्रीय मंत्रियों में से 29 (करीब 40%) ने अपने हलफनामों में आपराधिक मामलों का जिक्र किया है। यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि ये वही नेता हैं जो देश के सबसे बड़े फैसले लेने में शामिल रहते हैं।

इस रिपोर्ट में नेताओं की संपत्ति को लेकर भी कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। अधिकांश मंत्री करोड़पति हैं। हालांकि, सबसे अमीर और सबसे कम संपत्ति वाले मंत्रियों के नामों का खुलासा रिपोर्ट में विस्तार से किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि राजनीति में अब धनबल का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

ADR की रिपोर्ट एक बार फिर से यह दिखाती है कि राजनीति में पारदर्शिता और स्वच्छ छवि रखने वाले नेताओं की संख्या कितनी कम होती जा रही है। जनता को चाहिए कि वह अपने प्रतिनिधियों के चुनाव में सिर्फ जाति, धर्म या पार्टी के नाम पर नहीं, बल्कि उनके चरित्र और पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर निर्णय लें।

रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि सुधार की कितनी ज़रूरत है — खासकर टिकट वितरण और पार्टी के आंतरिक निर्णयों में। जब तक राजनीतिक दल आपराधिक छवि वाले लोगों को टिकट देना बंद नहीं करेंगे, तब तक राजनीति से अपराधीकरण को रोकना मुश्किल होगा।

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