कांग्रेस की जातिगत जनगणना पर राय और जयंत चौधरी का बयान

राष्ट्रवादी लोक दल (RLD) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने हाल ही में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया। उनका कहना था कि कांग्रेस का यह कहना कि जातिगत जनगणना से सब बदल जाएगा, पूरी तरह से समझ से परे है। उनके अनुसार, यह बयान न केवल अव्यावहारिक है, बल्कि इससे पार्टी के दृष्टिकोण का भी सही मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। जयंत चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना से जितनी उम्मीदें जताई जा रही हैं, वे पूरी नहीं हो सकतीं, क्योंकि समाज में गहरी जड़ें जमाए कई अन्य मुद्दे भी हैं, जिनका समाधान जातिगत आंकड़ों से नहीं निकाला जा सकता।

जयंत चौधरी ने कांग्रेस के बयान पर असहमति जताते हुए कहा कि यह केवल एक राजनीतिक बयानबाजी है और इससे कोई ठोस परिवर्तन नहीं आएगा। उनका मानना था कि भारतीय समाज की समस्याओं का हल केवल आंकड़ों या जातिगत जनगणना से नहीं निकल सकता, बल्कि इसके लिए सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों की आवश्यकता है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को जातिगत जनगणना को लेकर अपनी राय में बदलाव लाना चाहिए और इसे केवल एक राजनीतिक मुददा नहीं बनाना चाहिए।

वहीं, जयंत चौधरी ने कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी राय दी। उन्होंने तहव्वुर राणा और पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के संबंध में भी बयान दिए। तहव्वुर राणा के मामले में उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को यह समझना चाहिए कि वह जिस मुद्दे पर बात कर रहे हैं, वह एक संवेदनशील मामला है। उनके मुताबिक, कनाडा ने तहव्वुर को संरक्षण दिया था, लेकिन भारत सरकार ने उसे गिरफ्तार करके भारत लाया और अब उस पर पूछताछ हो रही है। जयंत चौधरी ने यह भी बताया कि भारत सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई में किसी को भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था से जुड़ा मामला है।

इसके अलावा, पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर भी जयंत चौधरी ने अपनी चिंता जताई। उनका कहना था कि यदि सरकार सही समय पर और सख्ती से कार्रवाई करती, तो यह हिंसा नहीं होती। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पश्चिम बंगाल में जो हिंसा हो रही है, वह राज्य सरकार की शह से हो रही है और इस पर तत्काल प्रभाव से रोकथाम की आवश्यकता है। जयंत चौधरी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है और इसके परिणामस्वरूप हिंसा बढ़ रही है।

जयंत चौधरी ने वक्फ एक्ट पर भी अपनी राय रखी और कहा कि इस बिल को लेकर लोगों को भड़काया गया है, लेकिन यह बिल पूरी तरह से लोकतंत्र के प्रक्रियाओं से पास हुआ है। उन्होंने कहा कि मदनी साहब जैसे लोग भी इस बात को समझते हैं, लेकिन कुछ लोग उत्तेजना में आकर फैसले लेते हैं। उनका कहना था कि यह कानून बहुत सोच-समझकर बनाया गया है और इसके सकारात्मक प्रभाव जमीनी स्तर पर दिख रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई लोग NDA में शामिल हो रहे हैं और इसके परिणाम अच्छे होंगे।

जयंत चौधरी ने यह भी विश्वास जताया कि अगली बार तमिलनाडु में NDA की सरकार बनेगी, क्योंकि अब पूरे देश को NDA की नीतियों और उनके काम पर विश्वास हो चुका है। उनका मानना था कि देशभर में लोग यह महसूस कर रहे हैं कि NDA की नीतियों ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं और इसी कारण लोग NDA के साथ खड़े हो रहे हैं।

इस प्रकार, जयंत चौधरी ने अपनी बातों के माध्यम से कांग्रेस की नीतियों और विचारों पर सवाल उठाया और साथ ही अन्य राजनीतिक मुद्दों पर अपनी सटीक राय प्रस्तुत की। उनके अनुसार, जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों का हल सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी से नहीं, बल्कि ठोस कार्यों और नीतियों के माध्यम से ही निकल सकता है।

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