देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने एलन मस्क की कंपनी स्पेस-एक्स की स्टारलिंक सेवा के साथ साझेदारी की है। इससे पहले भारती एयरटेल ने भी 11 मार्च को इसी तरह का समझौता किया था। इस डील के तहत, दोनों कंपनियां देश के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान करने के लिए मिलकर काम करेंगी। यह कदम भारत में डिजिटल क्रांति को और तेज कर सकता है।

स्टारलिंक क्या है?

स्टारलिंक स्पेस-एक्स की एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है, जो लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थित हजारों छोटे उपग्रहों के नेटवर्क के जरिए इंटरनेट प्रदान करती है। इसके पास पृथ्वी की निचली कक्षा में 7,000 से अधिक उपग्रह हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा सैटेलाइट इंटरनेट नेटवर्क बनाते हैं। स्टारलिंक की सेवा 100 से अधिक देशों में उपलब्ध है और यह हाई-स्पीड इंटरनेट, स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग और वीडियो कॉलिंग जैसी सुविधाओं को संभव बनाती है।

कैसे काम करता है स्टारलिंक?

स्टारलिंक एक किट प्रदान करता है जिसमें एक सैटेलाइट डिश, राउटर, पावर सप्लाई, केबल और एक माउंटिंग ट्राइपॉड शामिल होता है। इस किट को यूजर के घर या ऑफिस में स्थापित किया जाता है, और इसे खुले आसमान के नीचे रखा जाता है ताकि यह सैटेलाइट सिग्नल को बेहतर तरीके से कैच कर सके। इसका एक मोबाइल ऐप भी उपलब्ध है, जिससे सेटअप और नेटवर्क मॉनिटरिंग की जा सकती है।

स्टारलिंक की विशेषताएँ और फायदे

  1. फाइबर ऑप्टिक्स और मोबाइल टावर से अलग
    • पारंपरिक इंटरनेट सेवाएं फाइबर ऑप्टिक्स और मोबाइल टावर पर निर्भर होती हैं।
    • स्टारलिंक बिना किसी फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के सीधे सैटेलाइट से इंटरनेट प्रदान करता है।
  2. तेज इंटरनेट स्पीड
    • स्टारलिंक का दावा है कि यह 150 Mbps तक की स्पीड दे सकता है।
    • इसकी लेटेंसी भी कम होती है, जिससे डेटा ट्रांसफर तेजी से होता है।
    • पारंपरिक सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के मुकाबले यह अधिक प्रभावी है।
  3. दूरदराज के इलाकों में कवरेज
    • भारत में कई ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र हैं जहां अभी तक ब्रॉडबैंड सेवा नहीं पहुंची है।
    • सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2024 तक ग्रामीण टेली-डेंसिटी 59.1% थी।
    • स्टारलिंक से इन इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध हो सकता है।
  4. ऑनलाइन शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
    • स्टारलिंक से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
    • टेलीमेडिसिन के जरिए दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर की जा सकेंगी।
  5. आपदा प्रबंधन में मददगार
    • प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जब पारंपरिक नेटवर्क फेल हो जाते हैं, तब स्टारलिंक इंटरनेट सेवा जारी रख सकता है।

क्या स्टारलिंक जियो और एयरटेल के लिए खतरा है?

स्टारलिंक जैसी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं परंपरागत ब्रॉडबैंड कंपनियों के लिए सीधी प्रतिस्पर्धा नहीं हैं, बल्कि ये उन्हें एक पूरक सेवा के रूप में सपोर्ट कर सकती हैं। हालांकि, इसकी कीमतें मौजूदा ब्रॉडबैंड सेवाओं के मुकाबले काफी अधिक हैं।

  • स्टारलिंक के प्लान्स मौजूदा ब्रॉडबैंड प्लान्स से 18 गुना तक महंगे हो सकते हैं।
  • यदि सरकार यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) का उपयोग करे, तो इसकी कीमतों को कम किया जा सकता है, जिससे अधिक लोग इस सेवा का लाभ उठा सकें।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का भविष्य

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।

  • KPMG की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सैटेलाइट कम्युनिकेशन मार्केट 2028 तक 1.7 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
  • जियो और एयरटेल जैसी कंपनियां अपने मौजूदा नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टारलिंक की तकनीक को एकीकृत करने के तरीकों की तलाश कर रही हैं।
  • यह कदम भारत को डिजिटल इंडिया मिशन के तहत इंटरनेट कनेक्टिविटी में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।

कैसे काम करता है सैटेलाइट इंटरनेट?

सैटेलाइट इंटरनेट सेवा तीन मुख्य घटकों पर आधारित होती है:

  1. लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स
    • ये पारंपरिक जियोस्टेशनरी सैटेलाइट्स से ज्यादा नीचे (550 किमी) स्थित होते हैं।
    • इससे डेटा ट्रांसमिशन की लेटेंसी कम होती है।
  2. ग्राउंड स्टेशन्स और गेटवे
    • सैटेलाइट से प्राप्त सिग्नल को प्रोसेस करने के लिए ग्राउंड स्टेशन्स की जरूरत होती है।
  3. यूजर टर्मिनल्स (डिश और राउटर)
    • यूजर के घर या ऑफिस में लगाए जाने वाले टर्मिनल्स, जो सिग्नल रिसीव करते हैं।

निष्कर्ष

जियो और एयरटेल के स्पेस-एक्स के साथ समझौते से भारत में इंटरनेट सेवाओं की तस्वीर बदल सकती है। यह न केवल डिजिटल डिवाइड को कम करेगा, बल्कि दूरदराज के इलाकों में भी उच्च गुणवत्ता वाली इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराएगा। हालांकि, इसकी लागत एक चुनौती बनी हुई है। यदि सरकार सैटेलाइट इंटरनेट को किफायती बनाने के लिए नीतिगत समर्थन दे, तो यह भारत में इंटरनेट क्रांति का एक नया अध्याय लिख सकता है।

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