“रोहित शर्मा की कमी खलेगी ऐसा सोचा था, लेकिन…” इंग्लैंड के खिलाफ KL राहुल की शानदार पारी को मिला जबरदस्त सम्मान

मैनचेस्टर टेस्ट के पांचवें दिन भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच को ड्रॉ करवा कर न केवल मुकाबले को रोमांचक मोड़ दिया, बल्कि सीरीज में भी खुद को जिंदा रखा। पांच मैचों की सीरीज में पहले ही 1-2 से पीछे चल रही टीम इंडिया के लिए यह मुकाबला करो या मरो जैसा था। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पहली पारी में इंग्लैंड से मिली बड़ी बढ़त को ध्वस्त करते हुए जोरदार बल्लेबाज़ी की। कप्तान शुभमन गिल, ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने शतक ठोककर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। लेकिन इन सभी पारियों के बीच अगर किसी ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा, तो वो थे केएल राहुल, जिन्होंने 90 रनों की जबरदस्त पारी खेली।

टेस्ट क्रिकेट से रोहित शर्मा के संन्यास के बाद ओपनिंग की जिम्मेदारी अब केएल राहुल के कंधों पर आ गई है। यह जिम्मेदारी उन्होंने जिस अंदाज में निभाई, उसने सभी को प्रभावित किया है। इंग्लैंड की स्विंग और उछाल भरी पिचों पर राहुल ने जिस धैर्य और तकनीकी समझ के साथ बल्लेबाज़ी की, वह दर्शाता है कि वह अब एक परिपक्व टेस्ट खिलाड़ी बन चुके हैं।

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और मशहूर क्रिकेट विश्लेषक आकाश चोपड़ा ने राहुल की इस पारी की जमकर सराहना की है। आकाश चोपड़ा ने कहा, “लोगों को लगा था कि रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में टीम को मुश्किलें होंगी, लेकिन केएल राहुल ने वह जिम्मेदारी इतनी खूबसूरती से निभाई कि रोहित की कमी शायद ही किसी को खली। राहुल न केवल रन बना रहे हैं, बल्कि अब वो वह सम्मान भी पा रहे हैं जिसके वे हकदार हैं।’’

दरअसल, राहुल का टेस्ट करियर कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है। कभी वे टीम से बाहर होते हैं, तो कभी आलोचकों के निशाने पर आ जाते हैं। लेकिन इस इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने दिखा दिया कि अगर उन्हें लगातार मौके और समर्थन मिले, तो वे टीम के लिए कितना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उनकी 90 रनों की पारी भले ही शतक में तब्दील नहीं हो पाई, लेकिन इस पारी की अहमियत उस शतक से कम नहीं थी।

राहुल की यह पारी न केवल तकनीकी दृष्टि से मजबूत थी, बल्कि मानसिक रूप से भी एक प्रेरणादायक उदाहरण थी। जब टीम को एक ठोस शुरुआत की ज़रूरत थी, राहुल ने फ्रंट से लीड किया। उन्होंने मुश्किल हालात में मोर्चा संभाला और ऐसे गेंदबाज़ों के खिलाफ रन बनाए, जो घरेलू परिस्थितियों में बेहद खतरनाक माने जाते हैं।

अब जबकि सीरीज का पांचवां और निर्णायक मुकाबला निकट है, सभी की निगाहें एक बार फिर केएल राहुल पर टिकी होंगी। अगर वे इसी फॉर्म को बरकरार रखते हैं, तो भारत के पास सीरीज को बराबर करने और इतिहास रचने का सुनहरा मौका होगा।

राहुल की यह पारी सिर्फ एक स्कोर नहीं, बल्कि एक जवाब थी – आलोचकों को, चुनौतियों को और उस अस्थिरता को जिसने उनके करियर को बार-बार झकझोरा। अब वक्त है कि उन्हें वो स्थान और सम्मान दिया जाए, जिसके वे सही मायनों में हकदार हैं।

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