पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (Inter-Services Intelligence) के लिए काम करने वाली एक पाकिस्तानी महिला कारोबारी नुशाबा शहजाद को भारत के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को जासूसी के मकसद से फंसाने का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि वह ‘मैडम एन’ के नाम से काम करती थी और उसने ‘जयाना ट्रैवल एंड टूरिज्म’ नाम की एक ट्रैवल एजेंसी लाहौर से संचालित की, जिसकी आड़ में वह आईएसआई के इशारे पर भारतीय नागरिकों तक पहुंच बना रही थी।

सूत्रों के मुताबिक, मैडम एन ने कई भारतीय सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स और नागरिकों को आकर्षक ऑफर, शांति मिशन या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बहाने पाकिस्तान बुलाया। वहां उनके संपर्क में आकर उन्होंने उन लोगों को भावनात्मक रूप से, पैसों के लालच में या ब्लैकमेल कर, भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ हासिल करने की कोशिश की।

हाल ही में गिरफ्तार की गई भारतीय सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर ज्योति मल्होत्रा का नाम इस जासूसी कड़ी से जुड़ा बताया जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि नुशाबा ने ही उसे पाकिस्तान बुलाने, ठहराने और फिर धीरे-धीरे आईएसआई के संपर्क में लाने का काम किया था। शुरुआत में यह एक सामान्य ‘विजिट प्रोग्राम’ जैसा दिखता था लेकिन असल उद्देश्य भारतीय सुरक्षा तंत्र से जुड़ी जानकारी एकत्र करना था।

नुशाबा की ट्रैवल कंपनी ‘जयाना ट्रैवल एंड टूरिज्म’ केवल एक दिखावा थी, असल में वह आईएसआई का मोहरा बनकर काम कर रही थी। कंपनी के जरिये उसने न केवल भारत, बल्कि अन्य देशों के नागरिकों से भी संपर्क बनाए। भारत में इसके ज़रिए कई पत्रकारों, सोशल मीडिया सितारों और अन्य हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाया गया।

भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस नेटवर्क को ट्रैक कर कई महीनों की निगरानी के बाद इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ किया। ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी इसी श्रृंखला की एक कड़ी है और जांच एजेंसियों को शक है कि और भी लोग इस जाल में फंसे हो सकते हैं।

इस मामले से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि सोशल मीडिया की चमक-दमक के पीछे दुश्मन देश कैसे युवाओं को देशद्रोही गतिविधियों में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं। फर्जी ट्रैवल प्रोग्राम, इनफ्लुएंसर नेटवर्क, फेक डिप्लोमैटिक इवेंट्स – ये सब आधुनिक जासूसी के नए हथियार बन चुके हैं।

भारत सरकार और खुफिया तंत्र ने लोगों से आग्रह किया है कि वे विदेशी प्रस्तावों को स्वीकार करने से पहले उनकी जांच अवश्य करें और किसी भी संदिग्ध संपर्क या यात्रा का विवरण संबंधित एजेंसियों को दें। यह मामला केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सुरक्षा चेतावनी है।

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