महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि राज्य में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पूरी सूची तैयार कर ली गई है और उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यह कदम हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है, जिससे देशभर में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है। इस हमले के बाद केंद्र और राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं और संभावित खतरे से निपटने के लिए कड़े कदम उठा रही हैं।

फडणवीस ने बताया कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द कर दिया गया है, उन्हें तत्काल भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सभी पुलिस थानों को आदेश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद राज्य में न ठहरे। अगर कोई व्यक्ति निर्धारित समय सीमा से अधिक समय तक रुकता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर ली गई है और उनकी लगातार निगरानी की जा रही है। इस संबंध में विशेष निर्देश पुलिस आयुक्तों और जिलाधिकारियों को भेजे गए हैं ताकि स्थानीय स्तर पर निगरानी तंत्र को मजबूत किया जा सके। फडणवीस ने कहा, “हमें देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करना है। जो लोग अवैध रूप से या वीजा समाप्त होने के बाद भी राज्य में रहना चाहते हैं, उनके लिए महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं है।”

इस फैसले के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि आतंकी गतिविधियों के प्रति राज्य पूरी तरह सतर्क रहे और किसी भी संभावित खतरे को समय रहते टाल दिया जाए। पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि में यह बयान और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह संकेत देता है कि अब सरकार न केवल सीमाओं पर बल्कि देश के भीतर मौजूद संदिग्ध तत्वों पर भी सख्ती बरतने के लिए तैयार है।

फडणवीस ने यह भी कहा कि यह फैसला किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से सुरक्षा के नजरिए से उठाया गया कदम है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और यदि उन्हें किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलती है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

इस बयान के बाद माना जा रहा है कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में और भी कठोर कदम उठा सकती है। यह निर्णय देश की आतंरिक सुरक्षा के लिहाज से एक मजबूत संदेश है कि अब किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी। राज्य सरकार की यह सक्रियता बताती है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट है और किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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