माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया जेल।

अभियुक्त से पूछताछ में पुलिस को डकैती की घटना में लूटे गए माल के संबंध में मिली अहम जानकारियां, की जा रही है कार्यवाही।

अभियुक्तो द्वारा घटना के बाद पुलिस की चैकिंग देखकर भागने का रुट किया था चैंज। रैकी कै दौरान अभियुक्तो की घटना के बाद हरिद्वार रुट से थी भागने की प्लानिंग।

अभियुक्त पर विभिन्न राज्यों में लूट, डकैती, और कई गंभीर आपराधिक घटनाओं के लिए कई अभियोग हैं।

अभियुक्त शशांक अपने एक परिचित और सुबोध गैंग के सदस्य रोशन सिंह के माध्यम से आया था सुबोध सिंह के संपर्क में।
रोशन सिंह की हत्या होने के बाद अभियुक्त शशांक बन गया था सुबोध सिंह गैंग का सक्रिय सदस्य।

अभियुक्त ने सुबोध सिंह और अन्य साथियों के साथ मिलकर 2016 में बैरकपुर, पश्चिम बंगाल के मणिपुरम गोल्ड शॉप में 28 किलो और 2017 में आसनसोल, पश्चिम बंगाल के मुथूट फाइनेंस में 55 किलो सोने की डकैती की घटना का आयोजन किया था।

पश्चिम बंगाल में की गयी डकैती की घटना में अभियुक्त शशांक, सुबोध सिंह व अपने अन्य साथियों के साथ गया था जेल

बेऊर जेल में अभियुक्त ने जेल में बंद राजस्थान के हैकर से वर्चुअल सिम बनाने की जानकारी प्राप्त की थी।

अभियुक्त शशांक, राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार और सुबोध ने जेल में ही सभी घटनाओं की साजिश रची, और वर्चुअल नंबरों के माध्यम से गैंग के अन्य सदस्यों से संपर्क किया जाता था।

डकैती प्रकरण में अब तक 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

रिलांयस ज्वैलरी शोरूम डकैती प्रकरण में दून पुलिस द्वारा घटना के मास्टरमाइंड शशांक सिंह उर्फ सोनू राजपूत को दिनांक 06-01-2024 को देर रात्री पटना के बेऊर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था, जिसे पटना न्यायालय में पेश करते हुए ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया। पूछताछ में अभियुक्त शशांक द्वारा बताया गया कि सुबोध तथा उसके द्वारा ही देहरादून में रिलांयस ज्वैलरी शोरूम की लूट की योजना बनाई गई थी और घटना को अजांम देने के लिए प्रिंस कुमार, अखिलेश उर्फ अभिषेक, विक्रम कुशवाहा, राहुल, और अविनाश को देहरादून भेजा गया था। अभियुक्त शशांक से घटना में लूटी गई ज्वैलरी के सम्बंध में अहम जानकारियां प्राप्त हुई है, जिस पर कार्यवाही की जा रही है।

अभियुक्त शशांक द्वारा बताया गया कि सुबोध से उसकी पहचान अपने मौहल्ले में रहने वाले रोशन सिंह नाम के व्यक्ति के माध्यम से हुई थी, जो सुबोध के लिये काम करता था। वर्ष 2015-16 में रोशन की हत्या होने के बाद अभियुक्त शशांक सुबोध गैंग का सक्रिय सदस्य बन गया, अभियुक्त द्वारा सुबोध तथा अपने अन्य साथियों के साथ वर्ष 2016 में बैरकपुर पश्चिम बंगाल में मन्नापुरम गोल्ड शॉप में 28 किलो सोने तथा वर्ष 2017 में आसनसोल पश्चिम बंगाल में मुथूट फाईनेंस ब्रांच में 55 किलो सोने की डकैती की घटना को अजांम दिया गया था, उसके पश्चात अभियुक्तों द्वारा विशाखापटनम् में भी लूट की योजना बनाई पर घटना से पूर्व ही अभियुक्त शशांक को उसके 03 अन्य साथियों के साथ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था, उक्त घटना में सुबोध सिंह व उनके 02 अन्य साथी मौके से फरार होने में सफल रहे। अभियुक्त विशाखपटनम् में 09 माह जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आया पर उसके बाद अभियुक्त को उसके अन्य साथियों व सुबोध सिंह के साथ पुलिस द्वारा आसनसोल की घटना में गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेज दिया गया, बेऊर जेल में अभियुक्त शशांक की पहचान राजस्थान के एक हैकर से हुई, जिसने उसे, सुबोध तथा राजीव कुमार सिंह उर्फ पुल्लु सिंह उर्फ सरदार को वर्चुवल सिम बनाने की जानकारी दी, सुबोध सिंह व राजीव सिंह से अभियुक्त शशांक का जेल में अच्छा तालमेल हो गया, सुबोध सिंह व राजीव सिह पहले से ही जेल में मोबाइल चलाते थे ये सभी लोग पहले वटस्अप काल के माध्यम से बात करते थे, इसके बाद हम लोग वर्चुअल सिम के माध्यम से बात करने लगे । सुबोध सिंह पर लूट डकैती के कई मुकदमे दर्ज थे, सुबोध तथा राजीव ने मुझे कहा कि हमको अपने पुराने केसो में जमानत करवानी है और 2025 में विधान सभा चुनाव में चुनाव लडना है तो अब से जो भी घटना होगी, उसमें मोबाइल फोन के जरिये घटना करने वाली टीम से तुम ही बात करोगे और अगर बहुत महत्वपूर्ण है तभी हम दोनो में से कोई घटना करने वाली टीम के सदस्य से बात करेगा। इसके बदले हम तेरी जमानत जल्द से जल्द करवायेंगे औऱ तुझे पचास लाख से एक करोड रुपये तक दे देंगे, तब मैं इनके कहने पर सहमत हो गया और फिर मैं पूरे गैंग को आँपरेट करने लगा, जून 2023 में सांगली महाराष्ट्र में सुबोध सिंह औऱ राजीव सिंह के द्वारा दिये जा रहे डायरेक्शन पर मैने वर्चुअल सिम का प्रयोग करके रिलायंस शोरुम में घटना करवायी थी उस घटना में छोटू राणा उर्फ महाराणा प्रताप, अनिल सोनी उर्फ डीएसपी, अंकुर उर्फ सिकंदर, पंकज सिंह उर्फ चमत्कार, रोहित सिंह उर्फ यमराज, सुधीर शर्मा उर्फ डेविड, गणेश उर्फ अन्ना, प्रिंस निवासी बिहार शामिल थे। सांगली महाराष्टृ में रिलांयस ज्वैलरी शोरुम बहुत बडा था और उसके कई कर्मचारी अलग-अलग काउंटर में फैले हुए थे और शोरुम के सामने दो-तीन ठेली वाले थे, जिस कारण रैकी करने वाली टीम ने बोला कि पास में ही एस0पी0 आफिस और पुलिस चौकी है, ऐसा न हो कि ठेली वाले घटना की सूचना पुलिस को दे दें, तब सुबोध सिंह ने कहा कि रिलांयस शोरुम में पुलिस वाला बनकर ही एन्ट्री करो और किसी घटना का जिक्र करके शोरुम के सभी कर्मचारियों को एक जगह इक्कटठा कर लो, तब अनिल सोनी ने पुलिस के डीएसपी का रोल और सुधीर शर्मा उर्फ डेविड ने एस0आई0 का रोल करके घटना को अजांम दिया।

माह सितम्बर 2023 में फिर मैंने, सुबोध सिंह व राजीव सिंह ने देहरादून में सोना लूटने की योजना बनवायी औऱ अनिल सोनी उर्फ डीएसपी को रैकी करने के लिये भेजा अनिल सोनी ने राजपुर रोड पर रिलायंस ज्वैर्ल्स शोरुम को चिन्हित किया था और वर्चुअल काल के माध्यम से मुझे बताया कि दुकान मेन रोड से थोडा अन्दर हैइस जगह पर घटना करने के लिए सब ठीक है, तब मैंने गूगल मैप्स से घटनास्थल तक जाने के लिए एक रूट मैप बनाया और अनिल सोनी को रूट देखने के लिए भेजा। तब अनिल सोनी ने बताया कि पोंटा साहिब वाला रूट और हरिद्वार वाला रूट देहरादून से बाहर निकलने के लिए सही है। मैंने गूगल मैप्स के माध्यम से घटना के बाद भागने के लिए कौन-कौन से रास्ते का उपयोग करना है, उसमें A से H तक कई प्वाइंट्स बना लिए और इसे जनपद से बाहर निकलने का रास्ता घटना करने वाली टीम को व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से बताया करता हूं। तब मैंने सुबोध और राजीव सिंह से बातचीत करके राहुल चौंदा, अविनाश, प्रिंस (जिन्हें सिंघम भी कहा जाता है), विक्रम (जिन्हें पायलट भी कहा जाता है), अभिषेक (जिन्हें अखिलेश या गांधी भी कहा जाता है) से घटना करवाई। घटना के दिन की प्लानिंग यह थी कि विक्रम या पायलट शिमला बाईपास से अर्टिगा में माल डालकर और अविनाश और राहुल चौंदा को लेकर हरिद्वार की तरफ निकलें।, लेकिन घटना वाले दिन घटना करने के बाद कई जगह पुलिस की चैकिंग मिलने के कारण दोनो बाईकों और अर्टिगा गाडी में काफी दूरी हो गई, जिस कारण मेरे द्वारा प्लान बदलकर उनको नदी के रास्ते निकलकर पौंटा साहिब वाले रुट से जाने के लिए कहा गया। घटना के बाद रुट में पुलिस चैकिंग शुरु हो गयी थी जिस कारण इन लोगो ने घटना में प्रयोग की गयी दोनो अपाचे बाइक व आर्टिगा गाडी को रास्ते में ही छोड दिया व अलग अलग माध्यमो से देहरादून से बाहर निकल गये। अभियुक्त शशांक द्वारा माल के सम्बंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, जिस सम्बंध में कार्यवाही की जा रही है।अभियुक्त शशांक और सुबोध, राजीव कुमार सिंह (जिन्हें पुल्लु सिंह और सरदार भी कहा जाता है) द्वारा गुजरात के मेहसाणा में डकैती की योजना बनाई गई थी, और घटना की रैकी के लिए अपने गैंग के 02 सदस्यों, अनिल सोनी और विकास कुमार, को भेजा गया था। हालांकि, दून पुलिस के इनपुट के चलते गुजरात पुलिस और दून पुलिस की टीमों ने घटना से पहले ही अभियुक्त विकास कुमार को गिरफ्तार कर लिया था, जिससे योजना को विफल कर दिया गया।

नाम/पता अभियुक्त-

शशांक सिंह उर्फ सोनू राजपूत पुत्र धनंजय कुमार, निवासी सोनापुर थाना सिमरी, बगथ्यारपुर, जिला सहरसा बिहार, उम्र-25 वर्ष।

आपराधिक इतिहास –

1- मु0अ0सं0- 960/16, धारा 394 भादवि तथा 25/27 आर्म्स एक्ट, थाना बडानगर, बराकपुर, पश्चिम बंगाल।
2-मु0अ0सं0- 387/17, धारा 395, 397 भादवि और 25/27 आर्म्स एक्ट, हीरापुर थाना, असानसोल, पश्चिम बंगाल।
3- मु0अ0सं0- 275/17, धारा 398, 324 भादवि तथा 25/27 आर्म्स एक्ट, थाना चटर्जीहाट, पश्चिम बंगाल।
4- मु0अ0सं0- 18/2018, धारा 25(1)। आर्म्स एक्ट, थाना राजीवनगर पटना बिहार।
5-मु0अ0सं0- 424/23, धारा 395, 323, 504, 506, 427, 170, 171, 120 बी भादवि और 3/25 आर्म्स एक्ट, विश्रामबाग थाना, शांगली, महाराष्ट्र।

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