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"Why Did PM Modi Ignore 4 Calls from Trump? Inside the Tariff Tensions"

टैरिफ विवाद के बीच पीएम मोदी ने ट्रंप के 4 कॉल्स को किया नजरअंदाज: रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चार फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया, ऐसी खबर जर्मन अखबार Frankfurter Allgemeine Zeitung (FAZ) में छपी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह कदम प्रधानमंत्री मोदी की “गहरी नाराज़गी और सतर्कता” को दर्शाता है।

इस रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि दोनों देशों के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है। वहीं, जापान के प्रमुख अखबार Nikkei Asia ने भी इसी तरह की बात कही है कि प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति ट्रंप के कॉल्स को टालते रहे, जिससे ट्रंप की निराशा और भी बढ़ गई।

अमेरिका और भारत के रिश्तों में हाल के महीनों में खटास देखने को मिली है, खासकर तब से जब राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर शुल्क को दोगुना कर 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया — जो ब्राज़ील के बाद किसी भी देश के लिए सबसे अधिक है। इस शुल्क में एक 25 प्रतिशत की अतिरिक्त ड्यूटी भी शामिल है जो भारत द्वारा रूस से क्रूड ऑयल खरीदने के जवाब में लगाई गई है।

इन व्यापारिक नीतियों से भारतीय अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंची है और इसका सीधा असर दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों पर पड़ा है। भारत ने पहले भी अमेरिका से कई मौकों पर टैरिफ कम करने की अपील की थी, लेकिन अमेरिकी प्रशासन ने इसे अनसुना कर दिया। इसके चलते भारत सरकार में नाराज़गी का माहौल बना हुआ है।

एफएजेड की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी का यह रुख केवल उनकी नाराज़गी नहीं, बल्कि एक रणनीतिक सोच का हिस्सा भी है। वह बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया देने के बजाय, संयम और विवेक से काम ले रहे हैं। उनका यह कदम एक मजबूत संदेश है कि भारत अब किसी दबाव में झुकने वाला नहीं है।

वहीं, व्हाइट हाउस की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम अमेरिका-भारत रिश्तों में एक नया मोड़ ला सकता है।

कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि आने वाले समय में यदि दोनों देश इस मुद्दे को बातचीत के जरिए हल नहीं करते हैं, तो यह विवाद और भी गहराता जा सकता है। भारत जैसे उभरते हुए वैश्विक खिलाड़ी के लिए यह ज़रूरी है कि वह अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता को बनाए रखे और किसी भी दबाव में आकर अपनी नीतियों में बदलाव न करे।

अब देखना यह होगा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच यह तनाव किस मोड़ पर जाता है — क्या दोनों नेता मिल-बैठकर समाधान निकालेंगे या फिर यह विवाद आगे और भी बढ़ेगा?

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