‘मायानगरी’ मुंबई इन दिनों बिन मौसम बरसात की मार झेल रही है। महाराष्ट्र की राजधानी में मानसून ने इस बार तय समय से पूरे 16 दिन पहले दस्तक दे दी, जिससे पूरा शहर जलमग्न हो गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शहर और आसपास के इलाकों को रेड अलर्ट पर डाल दिया है। भारी बारिश ने न केवल आम जनजीवन को पूरी तरह से ठप कर दिया है, बल्कि मई महीने में पिछले 107 वर्षों का वर्षा रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है।
सोमवार को मुंबई और उपनगरीय क्षेत्रों में कुछ घंटों तक लगातार मूसलधार बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया और सड़कों पर लंबा जाम लग गया। लोकल ट्रेन सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुईं। सीएसएमटी, कुर्ला, दादर, सायन, ठाणे जैसे इलाकों में पानी ट्रैक पर चढ़ गया, जिससे सुबह की पीक टाइम लोकल ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं या देरी से चलीं। यात्रियों को घंटों स्टेशनों पर फंसे रहना पड़ा।

मुंबई नगर निगम (BMC) और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें लगातार काम में जुटी हुई हैं। जगह-जगह से पंप लगाकर पानी निकाला जा रहा है, लेकिन भारी वर्षा के चलते जल निकासी व्यवस्था चरमरा गई है। कई स्कूलों और कार्यालयों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। वहीं, ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और सावधानी बरतने की अपील की है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार की भारी वर्षा आमतौर पर जून मध्य में होती है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम का चक्र असामान्य हो गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर से उठने वाली नमी और पश्चिमी हवाओं के चलते भारी वर्षा हुई है। कोलाबा, सांताक्रूज़, अंधेरी और मलाड जैसे क्षेत्रों में 24 घंटे में 200 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से कई गुना अधिक है।
बाज़ार, स्कूल, ऑफिस, यहां तक कि फिल्म सिटी जैसी जगहों पर भी पानी भर गया है। सोशल मीडिया पर मुंबई के डूबे हुए इलाकों की 20 तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं, जिनमें सड़कें नहरों जैसी नजर आ रही हैं। कारें, ऑटो और बाइकें आधे से अधिक पानी में डूबी हुई दिख रही हैं।
इस बीच, BMC ने दावा किया है कि सभी ड्रेनेज सिस्टम और नाले पहले से साफ किए गए थे, लेकिन इतनी तेज और भारी वर्षा के सामने शहर की व्यवस्था कमजोर साबित हो रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में यदि बारिश का यही सिलसिला जारी रहा, तो शहर में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

मुंबई जैसे महानगर के लिए यह स्थिति एक चेतावनी है कि आने वाले वर्षों में जलवायु और शहरी संरचना में कैसे संतुलन बनाया जाए। फिलहाल, सभी एजेंसियां अलर्ट पर हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द हालात सामान्य होंगे।