सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा घोषित बहुप्रतीक्षित और महत्वाकांक्षी परियोजना नियोम को दुनिया के सबसे क्रांतिकारी शहरी विकास प्रोजेक्ट्स में से एक माना जा रहा था। इसे मिस्र के पिरामिड्स जितना ऐतिहासिक और अद्वितीय बताया गया था। लेकिन अब, इस पर 50 अरब डॉलर खर्च होने के बावजूद यह अपनी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पा रहा है। इस परियोजना के पहले चरण सिंदलाह के उद्घाटन में कई बड़ी हस्तियां और निजी यॉट्स की मौजूदगी थी, लेकिन इस इवेंट से क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान खुद नदारद रहे। यह स्थिति अपने आप में परियोजना की कठिनाइयों और चुनौतियों को उजागर करती है।

नियोम: एक अद्वितीय सपना, लेकिन मुश्किलें भी अनगिनत

2017 में घोषित नियोम परियोजना का उद्देश्य भविष्य के शहरों का आदर्श बनाना था। यह 500 अरब डॉलर की लागत से बनने वाला एक विशाल मेगासिटी प्रोजेक्ट था, जिसमें एक तैरता हुआ व्यापारिक जिला (Floating Business District), रेगिस्तान में स्की रिसॉर्ट और 170 किलोमीटर लंबा एक लीनियर शहर (The Line) शामिल थे। लेकिन अब तक इस परियोजना के कई बड़े सपने अधूरे रह गए हैं, और जो भी काम हुआ है, वह भी भारी वित्तीय अनियमितताओं और योजनाओं में देरी का शिकार हो गया है।

सिंदलाह रिसॉर्ट: नियोम परियोजना के पहले चरण में विकसित सिंदलाह लग्जरी रिसॉर्ट था, जिसे 1.3 अरब डॉलर की लागत में तैयार होना था। लेकिन अब इसकी लागत बढ़कर 4 अरब डॉलर हो गई है और इसे पूरा करने में भी कई सालों की देरी हो चुकी है।

वित्तीय अनियमितताएं और परियोजना में धांधली

एक रिपोर्ट के अनुसार, नियोम परियोजना की वित्तीय योजना में कई तरह की गड़बड़ियां पाई गई हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस परियोजना में बड़े पैमाने पर वित्तीय धांधली हुई है। एक आंतरिक ऑडिट से यह पता चला कि प्रबंधन के कुछ सदस्यों ने जानबूझकर आंकड़ों में हेरफेर किया और परियोजना की लागतों को कम दिखाने के लिए अत्यधिक आशावादी वित्तीय अनुमानों का उपयोग किया।

McKinsey & Co. का संदिग्ध सहयोग: यह खुलासा भी हुआ कि कंसल्टिंग फर्म McKinsey & Co. ने भी इन हेरफेर किए गए आंकड़ों को सही ठहराने में मदद की।

नेतृत्व में बदलाव और नियोम का भविष्य

इन गड़बड़ियों और देरी के कारण परियोजना के सीईओ नधमी अल-नासर को पद से हटा दिया गया है। इस फैसले से साफ जाहिर होता है कि परियोजना के भीतर गंभीर प्रबंधन समस्याएं थीं।

अब सवाल यह उठता है कि क्या नियोम वास्तव में क्राउन प्रिंस के सपनों को साकार कर पाएगा या यह सिर्फ एक असफल महत्वाकांक्षी योजना बनकर रह जाएगा? 500 अरब डॉलर की इस परियोजना का भविष्य अब भी अनिश्चित बना हुआ है, और आने वाले वर्षों में ही यह स्पष्ट होगा कि क्या यह परियोजना अपनी मूल अवधारणा के अनुरूप सफल हो पाएगी या नहीं।

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