भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें जीएसटी पंजीकरण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। यह विवादास्पद पोस्ट लिंक्डइन पर वायरल हुआ, जिसमें विनोद गुप्ता नामक एक उपयोगकर्ता ने अपने अनुभव को साझा किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें अपनी फर्म के लिए जीएसटी पंजीकरण नंबर प्राप्त करने के लिए रिश्वत देनी पड़ेगी, अन्यथा उन्हें यह सुविधा नहीं मिलेगी। इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर काफी ध्यान आकर्षित किया और वित्त मंत्री ने इस मामले पर अपनी बात रखी।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार का यह कर्तव्य है कि वह करदाताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करे। लेकिन यह भी जरूरी है कि यह सेवा ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ दी जाए, क्योंकि करदाताओं का विश्वास तभी जीता जा सकता है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जीएसटी बोर्ड और संबंधित अधिकारी जनता की शिकायतों का त्वरित और सावधानीपूर्वक समाधान करेंगे।

वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा और ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि तकनीकी सुधारों और डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से जीएसटी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सहज बनाया गया है ताकि किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या अनियमितता की संभावना को कम किया जा सके।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में जीएसटी के तहत कर प्रशासन को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। जीएसटी प्रणाली को सरल, तेज और भरोसेमंद बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे करदाताओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि करदाताओं के लिए शिकायत निवारण प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा ताकि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान हो सके।

विनोद गुप्ता के आरोपों ने कर प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को भी सामने रखा है। ऐसे आरोप यह संकेत देते हैं कि कहीं न कहीं प्रक्रिया में सुधार की गुंजाइश मौजूद है। हालांकि, निर्मला सीतारमण ने यह भरोसा दिया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

जीएसटी प्रणाली का उद्देश्य ही कराधान को सरल और पारदर्शी बनाना है। इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूरी प्रक्रिया को स्वचालित किया गया है, जिससे इंसानी हस्तक्षेप कम हो और भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रह जाए। इसके साथ ही, सरकार ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि किसी भी करदाता को इस तरह की अवैध मांगों का सामना नहीं करना चाहिए और यदि कोई ऐसा करता है तो उसे तत्काल अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।

अंत में, वित्त मंत्री ने यह कहा कि सभी करदाताओं का सहयोग और समर्थन आवश्यक है ताकि भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को जड़ से खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता करदाताओं के हितों की सुरक्षा करना है और वे जीएसटी प्रणाली को अधिक प्रभावी और भरोसेमंद बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।

इस प्रकार, निर्मला सीतारमण ने न केवल इस विवादास्पद पोस्ट पर जवाब दिया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और कर प्रणाली को और पारदर्शी बनाया जाएगा। यह बयान करदाताओं के लिए एक सकारात्मक संकेत है कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है और भ्रष्टाचार मुक्त कर प्रशासन की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

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