प्रदेश की राष्ट्रीय धरोहर माने जाने वाले 1950 के दशक का आसन बैराज डैम हेड रेगुलेटर के ऊपर बना पुल जिसकी रेलिंग दीवार क्षतिग्रस्त होने के चलते लगभग दशकों बाद पुनर्निर्माण का कार्य लाखों रुपए की लागत से यू जे वी एन एल के द्वारा करवाया जा रहा है।

रेलिंग दीवार का पुनर्निर्माण होना वह भी कई दशक बाद कहीं ना कहीं यह दर्शाता है कि उत्तराखंड की धामी सरकार को राज्य की राष्ट्रीय धरोहर की चिंता है। लेकिन आपको बता दें कि सुरक्षा दीवार के पुनर्निर्माण में जो मजबूती के लिए सरिए का इस्तेमाल किया जा रहा है। उसमें नया सरिया नाम मात्र के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। बाकी जो पुरानी रेलिंग की दीवार तोड़ी गई है।

उसमें से निकले पुराने जंग खाए सरिए का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है। इससे यह प्रतीत होता है, कि संबंधित विभाग के अधिकारी धामी सरकार की राष्ट्रीय धरोहर को सुरक्षित रखने की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। जब इस संबंध में संबंधित अधिकारी यूजेवीएनएल के अधिशासी अभियंता अभय सिंह से फोन पर जानकारी चाही गई तो उनका बात करने का अंदाज ऐसा था जैसे कि पत्रकार ने उनकी कौन सी दुखती रग पर हाथ रख दिया हो जवाब देने के बजाय अधिकारी ने यह कहा कि आप मुझे इतवार के दिन फोन कैसे किया गया। तुम पत्रकारों को बिना वजह सवाल करने का कीड़ा है पत्रकारों को मैं बहुत अच्छे से जानता हूं की पत्रकार हमसे सवाल क्यों करते हैं और यह बात मै किसी एक पत्रकार के लिए नहीं कह रहा हूं पूरे पत्रकार समाज के लिए कह रहा हूं। बल्कि उन्होंने यहां तक कह डाला कि मेरी मर्जी मैं पुराना सरिया लगाऊं या नया सरिया इससे किसी को क्या लेना देना कौन सा उस सुरक्षा दीवार पर हमें बिल्डिंग खड़ी करनी है।

अब यहां सवाल यह उठता है कि क्या अधिशासी अभियंता अभय सिंह अपनी कोई निजी संपत्ति पर अपने निजी धन से कोई दीवार खड़ी कर रहे हैं या इतने से सवाल पर इस तरह तिलमिला जाने की वजह कुछ और है शायद अधिशासी अभियंता अभय सिंह यह बात भूल गए कि यह राज्य की राष्ट्रीय धरोहर की सुरक्षा दीवार है और इसमें सरकारी धन का उपयोग किया जा रहा है यदि इस सुरक्षा दीवार में पुराना इस्तेमाल किया हुआ जंग खाया सरिया ही इस्तेमाल करना था तो फिर इस सुरक्षा दीवार के पुनर्निमाण की क्या आवश्यकता थी।

इस प्रकरण पर जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि राज्य की राष्ट्रीय धरोहर के पुनर्निर्माण में किसी भी प्रकार की कोताही मोर्चा बर्दाश्त नहीं करेगा संबंधित उच्च अधिकारियों से इस संबंध में बात की जाएगी।

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