प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एनडीए संसदीय दल की बैठक में विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “ऑपरेशन सिन्दूर” पर चर्चा की मांग कर विपक्ष ने खुद अपने ही पांव पर कुल्हाड़ी मार ली है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाकर एक बड़ी गलती की और संसद में हुई बहस के दौरान उन्हें बुरी तरह से जवाब मिला। पीएम मोदी के अनुसार, विपक्ष आत्मघाती रवैया अपनाए हुए है और उसे इस चर्चा से कुछ भी हासिल नहीं हुआ, बल्कि नुकसान ही हुआ है।

यह बैठक संसद सत्र के दौरान एनडीए सांसदों की दूसरी बड़ी बैठक थी, जो दिल्ली में आयोजित की गई। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी का एनडीए सांसदों ने स्वागत और सम्मान भी किया। उन्हें अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में सरकार द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन सिन्दूर” के लिए सराहा गया। इस ऑपरेशन को देश की सुरक्षा और आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है।

“ऑपरेशन सिन्दूर” मई में शुरू किया गया था, जिसमें सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की। इस ऑपरेशन के जरिए सरकार ने दिखा दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरतेगी और देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। विपक्ष द्वारा इस पर संसद में चर्चा की मांग को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इससे उन्हें कोई राजनीतिक लाभ नहीं हुआ बल्कि उनकी कमजोरी और भ्रम की राजनीति उजागर हो गई।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि विपक्ष को लगता था कि ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा से सरकार घिर जाएगी, लेकिन हुआ इसका उलटा। चर्चा के दौरान सरकार ने जिस मजबूती से जवाब दिया, उससे विपक्ष पूरी तरह बैकफुट पर आ गया। उन्होंने इसे विपक्ष की “राजनीतिक भूल” बताते हुए कहा कि ऐसे मुद्दों पर राजनीति करना देशहित के खिलाफ है।

पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों से कहा कि वे संसद में सरकार की उपलब्धियों को पूरे आत्मविश्वास से प्रस्तुत करें और जनता तक यह संदेश पहुंचाएं कि एनडीए सरकार राष्ट्र की सुरक्षा, विकास और जनकल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष का काम केवल भ्रम फैलाना और नकारात्मकता फैलाना है, जबकि सरकार सकारात्मक एजेंडे पर काम कर रही है।

इस पूरी बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया कि सुरक्षा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अपने सांसदों से यह भी आग्रह किया कि वे जनता के बीच जाकर सरकार के प्रयासों की जानकारी दें और विपक्ष के दुष्प्रचार का जवाब तथ्यों और सेवा कार्यों के जरिए दें।

इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए यह संदेश देने की कोशिश की कि राष्ट्रहित के मुद्दों पर राजनीति नहीं, एकजुटता होनी चाहिए — और अगर कोई इन मुद्दों को राजनीतिक फायदा उठाने के लिए उठाता है, तो अंततः उसे ही नुकसान होता है।

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