22 अप्रैल को पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह निर्णायक, सटीक और घातक जवाब दिया है, उसने न सिर्फ पाकिस्तान के होश उड़ा दिए हैं बल्कि उसके रणनीतिक विकल्प भी सीमित कर दिए हैं। भारतीय वायुसेना और सेना द्वारा 100 किलोमीटर भीतर तक घुसकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर देना, और वह भी “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से, एक स्पष्ट संदेश है—अब भारत आतंक का जवाब सिर्फ निंदा से नहीं, सीधा एक्शन से देगा।
लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है—पाकिस्तान अब क्या करेगा?
पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तान द्वारा सीमापार से गोलीबारी की घटनाएं बढ़ गई थीं, लेकिन अब “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद यह और तेज हो सकती हैं। यह पाकिस्तान की पुरानी रणनीति रही है—एलओसी पर फायरिंग कर अपनी नाकामियों पर पर्दा डालना और घरेलू गुस्से को शांत करना। आने वाले दिनों में पाकिस्तान बॉर्डर पर तनाव बढ़ा सकता है।
यहां हम आपको बता रहे हैं वे 5 प्रमुख विकल्प, जिन पर पाकिस्तान आने वाले दिनों में विचार कर सकता है:
1. सीजफायर उल्लंघन और सीमित गोलीबारी में बढ़ोतरी

2. राजनयिक स्तर पर भारत के खिलाफ माहौल बनाना
पाकिस्तान की एक और पुरानी आदत है—हर बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर “कश्मीर कार्ड” खेलना। इस बार भी वह संयुक्त राष्ट्र, OIC और चीन जैसे सहयोगियों के सामने भारत के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन और आक्रामकता का राग अलापेगा। लेकिन सच यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद किसी भी बड़े देश ने पाकिस्तान के पक्ष में एक शब्द नहीं बोला है।
3. देश के अंदर कट्टरपंथी ताकतों को उकसाना
भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन बौखलाए हुए हैं। वे सेना और सरकार पर जवाब देने का दबाव बना सकते हैं। इससे आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता भी बढ़ सकती है। पाकिस्तानी सेना, खासतौर पर जनरल मुनीर, इस दबाव के बीच सतर्क और आक्रामक दोनों तरह की रणनीति अपना सकते हैं।
4. छोटे स्तर के आतंकी हमलों की कोशिश
अगर सीधा युद्ध संभव नहीं, तो पाकिस्तान अपनी “प्रॉक्सी वॉर” की रणनीति को और आगे बढ़ा सकता है। यानी भारत के अंदर छोटे पैमाने पर आतंकी हमलों की योजना बनाकर अपनी भड़ास निकालने की कोशिश। हालांकि भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियां अब कहीं अधिक सजग और एक्शन मोड में हैं।
