दा मलंग आर्ट द्वारा आयोजित ग्यारह दिवसीय सांस्कृतिक मेले के दूसरे दिन लोगों ने मेले का खूब लुत्फ उठाया। रविवार होने के कारण लोग जमकर खरीदारी कर रहे थे। देर शाम उत्तराखंड के प्रसिद्ध जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के गीतों पर लोग झूमते नजर आए। देर शाम प्रथम सांस्कृतिक संध्या में जागर, लोकगीत व लोकनृत्य की भी भरमार रही। देश भर में बड़ी संख्या में श्रोता आधी रात तक पंडाल में रहे। श्री गुरु नानक पब्लिक महिला इंटर कॉलेज ग्राउंड रेस कोर्स में 14 फरवरी तक दा मलंग शिल्प, व्यंजन एवं संगीत प्रदर्शनी मेले का आयोजन।
विभिन्न राज्यों से खरीदारी करने आए कारीगरों में खुशी का माहौल देखा गया। जगह-जगह लगे स्टॉलों में भी लोगों ने उत्तराखंड के खान-पान का लुत्फ उठाया। दा मलंग प्रदर्शनी के आयोजक ऋषि कुमार झा ने कहा कि यहां होने वाला दा मलंग कार्यक्रम स्वदेशी कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक स्थानीय और आत्मनिर्भर भारत के लिए एक स्वर के मंत्र को आगे बढ़ाने का एक मंच है। उन्होंने कहा कि मेला नि:शुल्क लगता है। रविवार को मेले में उत्तराखंड के जाने-माने जागर व संगीतकार प्रीतम भरतवाण ने अपने गीत प्रस्तुत किए। इस अवसर पर बोलते हुए सिनमित कम्युनिकेशंस के निदेशक दलीप सिंधी और राजीव मित्तल, जिन्होंने स्थानीय समन्वय को संभाला, ने कहा कि इसके बाद 40 अन्य प्रमुख शहरों में मलंग प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी।