बेंगलुरु में आरसीबी (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) की आईपीएल 2025 की जीत का जश्न एक भयानक हादसे में तब्दील हो गया, जब एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आयोजित किए गए बस परेड के दौरान भारी भीड़ में भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। अब इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें आरसीबी के मार्केटिंग और रेवेन्यू प्रमुख निखिल सोसले (Nikhil Sosale) का नाम भी सामने आया है।

कौन हैं निखिल सोसले?

निखिल सोसले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) टीम के एक वरिष्ठ अधिकारी हैं, जो टीम के मार्केटिंग और रेवेन्यू विभाग की ज़िम्मेदारी संभालते थे। उनका प्रमुख कार्य ब्रांड प्रमोशन, इवेंट प्लानिंग और टीम की व्यावसायिक रणनीतियों को संचालित करना था। आईपीएल जीत के बाद RCB द्वारा आयोजित किए गए विजय जुलूस (Victory Parade) की योजना और कार्यान्वयन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।

क्या है पूरा मामला?

यह दर्दनाक हादसा तब हुआ जब आरसीबी ने मंगलवार को पंजाब किंग्स (PBKS) को हराकर पहली बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की थी। इसके बाद बुधवार को बेंगलुरु में बस परेड आयोजित की गई थी जिसमें टीम के खिलाड़ी एक खुले बस में प्रशंसकों का अभिवादन करने वाले थे। हजारों की संख्या में लोग इस परेड को देखने पहुंचे थे। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई और अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिससे भागदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतजाम नाकाफी थे। बिना अनुमति और पूरी तैयारी के ही इस इवेंट को बड़े स्तर पर आयोजित किया गया, जो अंततः इस त्रासदी का कारण बना। आरोप है कि आयोजकों ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को पर्याप्त सूचना नहीं दी थी और भीड़ नियंत्रण की कोई ठोस योजना नहीं बनाई थी।

गिरफ्तारी कैसे हुई?

जैसे ही इस हादसे की गंभीरता सामने आई, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide Not Amounting to Murder) जैसी गंभीर धाराएँ लगाई गईं। शुक्रवार सुबह करीब 6:30 बजे निखिल सोसले को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया, जब वे मुंबई की फ्लाइट पकड़ने वाले थे।

उनके अलावा डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड नामक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के तीन अन्य सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया है, जो इस कार्यक्रम के आयोजकों में शामिल थे।

आगे की कार्रवाई

इस हादसे को लेकर राज्यभर में आक्रोश है और लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। जांच जारी है और यह देखा जा रहा है कि किन-किन स्तरों पर लापरवाही हुई। सरकार ने संकेत दिया है कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितनी ही ऊँची पदवी पर क्यों न हो।

यह घटना देश के लिए एक चेतावनी है कि बड़े आयोजनों के लिए सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की ठोस योजना बनाना अनिवार्य है, वरना जश्न भी एक बड़ी त्रासदी में बदल सकता है।

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