3 जून 2025 को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने अपना पहला आईपीएल खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद 4 जून को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक भव्य विजय जुलूस और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर हज़ारों की संख्या में प्रशंसक स्टेडियम के बाहर जमा हो गए ताकि अपने चहेते खिलाड़ियों की एक झलक पा सकें। लेकिन आयोजन की खराब योजना और भीड़ प्रबंधन की भारी चूक के चलते यह खुशी का पल एक भयावह त्रासदी में बदल गया।

भीड़ के अत्यधिक बढ़ जाने से स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गई। हालात इतने खराब हो गए कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस लाठीचार्ज के बाद भगदड़ मच गई जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। घायलों को बोरिंग अस्पताल और व्याधि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इस दर्दनाक घटना पर भारत के पूर्व क्रिकेटर और 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य मदन लाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने RCB, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA), राज्य सरकार और बीसीसीआई पर सवाल उठाते हुए कहा, “RCB पर मुकदमा चलना चाहिए। यह बेहद लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना रवैया है। जब लोग बाहर मर रहे थे, तब अंदर जश्न मनाया जा रहा था। यह न केवल चौंकाने वाला है बल्कि बेहद निराशाजनक भी है। विराट कोहली जैसे बड़े नामों की मौजूदगी में यह हादसा हुआ, इसलिए इसे लोग कभी नहीं भूलेंगे।”

मदन लाल ने आगे कहा कि इस त्रासदी के लिए संबंधित संस्थाओं पर कम से कम ₹100 करोड़ का हर्जाना ठोका जाना चाहिए और पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने बीसीसीआई पर भी जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया।

वहीं, इस घटना पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस वार्ता के माध्यम से प्रतिक्रिया देते हुए मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है। डिप्टी सीएम डी. के. शिवकुमार ने बचाव में कहा कि “हमने 5,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की थी। लेकिन इतनी युवा और जोशीली भीड़ पर बल प्रयोग करना मुश्किल था।”

यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि बड़े आयोजनों के लिए सुरक्षा और व्यवस्था की सही योजना कितनी महत्वपूर्ण होती है। RCB की ऐतिहासिक जीत का यह पल, जो खुशी और गर्व से भरा होना चाहिए था, अब शोक और आक्रोश का प्रतीक बन गया है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा और क्या ऐसे आयोजनों में भविष्य में सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता दी जाएगी या नहीं।

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