जहां चाह,वहां राह।हम यह इसलिए कह रहे हैं कि जहां कोरोनाकाल ने पहाड़ के युवाओं को शहरों से गांव वापस लौटाकर बेरोजगारी के कगार पर धकेल दिया है।तो वहीं पिण्डरघाटी के धारबारम गांव निवासी अनिल ने मींगगधेरा बाजार में लकड़ियों,बांस और रिंगाल से डैस्टबीन,वास्केट,लैंप स्टेंड,सूप, कॉस्टर, गुलदस्ते, शौपिंग बास्केट,ऐस्ट्रा,पैन स्टेण्ड,और स्थानीय लोगों के प्रयोग में आने वाले सोल्टी,कंडी,हल,जुएं, महिलाओं के लिए हेयर रिंग,बैंगल आदि बेहतरीन कलाकृतियों वाले हैंडीक्राफ्ट निर्माण कर स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है।और यह सब चीजें हाथों-हाथ बिक रहे हैं।