शेयर बाजार में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन, सोमवार 10 मार्च को गिरावट देखने को मिली। प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों में नुकसान हुआ। सेंसेक्स 200 अंकों की गिरावट के साथ 74,100 के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी 100 अंकों की गिरावट के साथ 22,430 के स्तर पर आ गया है। यह गिरावट मुख्य रूप से रियल्टी, ऑयल एंड गैस और सरकारी बैंकों के शेयरों में कमजोरी के कारण आई।
बाजार में गिरावट के मुख्य कारण

- वैश्विक संकेतों का असर:
वैश्विक बाजारों में मिलाजुला रुख देखा गया, जिससे भारतीय बाजार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा। अमेरिका और यूरोप के बाजारों में हाल ही में आई कमजोरी के कारण भारतीय बाजारों में भी अनिश्चितता बनी हुई है। - ब्याज दरों में बदलाव की आशंका:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की ओर से ब्याज दरों में किसी भी संभावित बढ़ोतरी को लेकर निवेशकों में चिंता बनी हुई है। उच्च ब्याज दरें आमतौर पर इक्विटी बाजारों के लिए नकारात्मक साबित होती हैं क्योंकि इससे कंपनियों की उधारी महंगी हो जाती है और उपभोक्ता खर्च में कमी आ सकती है। - ऑयल एंड गैस सेक्टर में दबाव:
कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और पेट्रोलियम कंपनियों पर बढ़ते लागत दबाव के चलते इस सेक्टर में गिरावट आई है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और ओएनजीसी जैसे प्रमुख ऑयल कंपनियों के शेयरों में कमजोरी दिखी। - रियल एस्टेट सेक्टर पर दबाव:
निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 1.90% नीचे आ गया, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस सेक्टर में निवेशकों का विश्वास कमजोर हुआ है। महंगे ब्याज दरों और रियल एस्टेट सेक्टर में मांग की धीमी वृद्धि के चलते यह गिरावट देखने को मिली। - सरकारी बैंकों पर असर:
सरकारी बैंकिंग सेक्टर में भी गिरावट देखी गई। सरकारी बैंकों का निफ्टी इंडेक्स 1.70% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। यह गिरावट मुख्य रूप से बैंकिंग सेक्टर में बढ़ते एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों) को लेकर निवेशकों की चिंता के कारण हुई है। - ऑटो सेक्टर में कमजोरी:
निफ्टी ऑटो इंडेक्स भी 1.20% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। यह गिरावट मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से जुड़ी असमंजसता के कारण आई है।
