बॉलीवुड के बड़े सितारे शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला जयपुर की उपभोक्ता अदालत (कंज्यूमर कोर्ट) से जुड़ा हुआ है, जहां इन तीनों अभिनेताओं को तलब किया गया है। इनके अलावा विमल पान मसाला बनाने वाली कंपनी जेबी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन विमल कुमार अग्रवाल को भी कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?

दरअसल, जयपुर के वकील योगेंद्र सिंह बडियाल ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (Consumer Disputes Redressal Commission) में एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि विमल पान मसाला कंपनी अपने विज्ञापन में यह दावा करती है कि “दाने-दाने में केसर का दम है।” लेकिन हकीकत में इस पान मसाले में केसर मौजूद ही नहीं है। इस झूठे दावे से आम लोगों को भ्रमित किया जा रहा है और उन्हें गुमराह करके उत्पाद खरीदने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि इस विज्ञापन के कारण कंपनी को करोड़ों रुपए का लाभ हो रहा है, जबकि उपभोक्ताओं को असली केसर के नाम पर ठगा जा रहा है। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पान मसाला एक हानिकारक उत्पाद है, जिसके लगातार सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
कंज्यूमर कोर्ट ने क्या कहा?
जयपुर कंज्यूमर कोर्ट के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना और सदस्य हेमलता अग्रवाल ने 5 मार्च को इस मामले पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शाहरुख खान, अजय देवगन, टाइगर श्रॉफ और कंपनी चेयरमैन विमल कुमार अग्रवाल को तलब किया है। अगली सुनवाई 19 मार्च को सुबह 10 बजे होगी।
कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर ये लोग व्यक्तिगत रूप से या अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ एकपक्षीय (Ex-Parte) निर्णय लिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि कोर्ट शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला दे सकती है और आरोपियों को कोई सफाई देने का मौका नहीं मिलेगा।
बॉलीवुड सितारे और तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन
यह पहला मौका नहीं है जब बड़े बॉलीवुड सितारे पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों को लेकर विवादों में आए हैं। इससे पहले भी कई सितारों को ऐसे विज्ञापनों के कारण आलोचना झेलनी पड़ी है।
- अजय देवगन लंबे समय से विमल पान मसाला का विज्ञापन कर रहे हैं।
- शाहरुख खान भी पिछले कुछ सालों से इस ब्रांड से जुड़े हुए हैं।
- टाइगर श्रॉफ ने हाल ही में इस कंपनी के प्रचार अभियान में शामिल होकर विवाद को और बढ़ा दिया।
इन सितारों को अक्सर आलोचना झेलनी पड़ती है कि वे अपनी छवि और लोकप्रियता का इस्तेमाल ऐसे उत्पादों के प्रचार के लिए कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। हालांकि, सितारों का बचाव यह होता है कि वे केवल ब्रांड का प्रचार कर रहे हैं और पान मसाले को तंबाकू उत्पादों की तरह नहीं देखना चाहिए।
क्या कहता है कानून?
भारत में तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों के विज्ञापनों पर सख्त प्रतिबंध है। COTPA (Cigarettes and Other Tobacco Products Act) 2003 के तहत तंबाकू उत्पादों का सीधा प्रचार करना गैरकानूनी है। हालांकि, कई कंपनियां यह दावा करती हैं कि उनके उत्पादों में तंबाकू नहीं होता और वे केवल सुगंधित पान मसाला बेचती हैं।
सरकार और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कई बार बॉलीवुड सितारों से अनुरोध किया है कि वे इस तरह के विज्ञापनों से दूर रहें, क्योंकि उनकी लोकप्रियता का असर करोड़ों लोगों पर पड़ता है।
आगे क्या होगा?
अब इस मामले की सुनवाई 19 मार्च को होगी, जहां यह तय होगा कि इन सितारों और कंपनी के चेयरमैन को दोषी माना जाएगा या नहीं। अगर कोर्ट शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाती है, तो इससे विज्ञापन उद्योग और ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम कर रहे सेलिब्रिटीज़ के लिए एक नई मिसाल कायम हो सकती है।

कुल मिलाकर, यह मामला सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रश्न है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बॉलीवुड सितारे इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या आगे चलकर सेलिब्रिटीज़ ऐसे उत्पादों का विज्ञापन करना बंद करेंगे या नहीं।