पांचवें दिन का रोमांच: रणनीति फेल होने पर शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज के बीच मैदान पर कहासुनी

भारत और इंग्लैंड के बीच ओवल में खेला गया पांचवां टेस्ट मैच बेहद रोमांचक रहा, जिसमें भारत ने महज 6 रन से जीत दर्ज कर सीरीज़ को 3-2 से अपने नाम कर लिया। हालांकि इस जीत के पीछे कई भावनात्मक और तनावपूर्ण क्षण भी देखने को मिले। ऐसा ही एक क्षण था जब भारतीय कप्तान शुभमन गिल और तेज गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज के बीच मैदान पर बहस होती दिखी।

दरअसल, मैच के आखिरी दिन भारत को जीत के लिए चार विकेट की ज़रूरत थी, वहीं इंग्लैंड को सिर्फ 35 रन। लेकिन जब इंग्लैंड की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी, तब उनके बल्लेबाज़ क्रिस वोक्स, जो कंधे की चोट से जूझ रहे थे, मजबूरी में आखिरी बल्लेबाज़ के तौर पर मैदान पर उतरे। टीम को पता था कि वोक्स लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगे, इसलिए गस एटकिंसन ने मोर्चा संभाला और हर ओवर की आखिरी गेंद पर सिंगल लेकर वोक्स को स्ट्राइक से दूर रखने की रणनीति अपनाई।

यहीं से शुरू हुई भारतीय कप्तान शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज की रणनीति। उन्होंने योजना बनाई कि एटकिंसन को ओवर की आखिरी गेंद पर वाइड यॉर्कर फेंकी जाए ताकि वह ना तो बाउंड्री मार सके और ना ही आसानी से रन लेकर वोक्स को स्ट्राइक पर ला सके। इस रणनीति से दो फायदे होने थे — एक, रन रोकना; और दो, रन आउट का मौका बनाना।

लेकिन 84वें ओवर में सिराज की गेंदबाज़ी योजना के मुताबिक नहीं जा सकी। एटकिंसन ने आसानी से सिंगल ले लिया और वोक्स स्ट्राइक पर आ गए। इससे नाराज़ होकर सिराज ने मैदान पर ही कप्तान गिल से सवाल कर लिया। कैमरों में यह क्षण कैद हो गया जहां दोनों के बीच हल्की बहस होती दिखी।

मैच के बाद पत्रकारों से बातचीत में शुभमन गिल ने इस विवाद को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा, “हां, सिराज थोड़े निराश थे क्योंकि जो हमने योजना बनाई थी, वो ठीक से लागू नहीं हो सकी। उसने मुझसे पूछा कि फील्ड प्लेसमेंट और गेंदबाज़ी के बीच तालमेल क्यों नहीं बैठा। लेकिन ऐसे तनावपूर्ण मैचों में यह स्वाभाविक है। हम सभी जीतने के लिए खेल रहे थे और अंत में हमने जीत हासिल की, यही सबसे अहम है।”

इस पूरे घटनाक्रम ने दिखाया कि टीम इंडिया में खिलाड़ियों के बीच खुले संवाद और रणनीतिक सोच का माहौल है। कप्तान गिल की अगुवाई में टीम ने जोखिम उठाया, योजनाएं बनाईं, और अंत में दबाव में भी संयम बनाए रखा।

इस जीत ने सिर्फ सीरीज़ भारत के नाम नहीं की, बल्कि यह भी दिखाया कि एक युवा कप्तान और अनुभवी गेंदबाज़ कैसे मिलकर चुनौतियों का सामना करते हैं, भले ही बीच में कुछ असहमति क्यों न हो।

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