सलमान खान और रश्मिका मंदाना की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सिकंदर’ 30 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म का निर्देशन ए.आर. मुरुगदॉस ने किया है और इसमें सलमान खान, रश्मिका मंदाना, काजल अग्रवाल, सत्यराज, शरमन जोशी, और प्रतीक बब्बर जैसे बड़े कलाकार अहम भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। फिल्म में सलमान खान का एक्शन, रोमांस, और ड्रामा सब कुछ है, जो दर्शकों को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त प्रतीत होता है।

फिल्म की कहानी और शुरुआत: फिल्म की शुरुआत सलमान खान की स्टाइलिश एंट्री से होती है, जहां वह प्लेन में स्लो मोशन में एक्शन करते हैं। सलमान खान का स्वैग फिल्म की शुरुआत से ही साफ नजर आता है। इसके अलावा, रश्मिका मंदाना का किरदार भी फिल्म में अहम भूमिका निभाता है। रश्मिका सलमान खान की पत्नी के रूप में दिखाई देती हैं और उनकी भूमिका को शुरुआत में ही फिल्म में महत्वपूर्ण बना दिया जाता है। फिल्म के पहले दृश्य में ही यह साफ हो जाता है कि सलमान खान का किरदार एक मजबूत और प्रभावशाली व्यक्ति है।

सत्यराज की एंट्री भी फिल्म में दिलचस्प है, जहां वह राजकोट के रियासत के आखिरी राजा संजय राजकोट के रूप में नजर आते हैं। फिल्म की शुरुआत के बाद, कहानी में कई मोड़ आते हैं, जो फिल्म को दिलचस्प बनाते हैं। सलमान खान का किरदार सिकंदर के रूप में एक्शन और रोमांस दोनों में व्यस्त रहता है, और दर्शकों को फिल्म में इन दोनों का मिश्रण देखने को मिलता है।

फिल्म की कमजोरियाँ: हालांकि फिल्म में सलमान खान का दमदार स्वैग और एक्शन सीन है, लेकिन एक बड़ी आलोचना यह है कि ए.आर. मुरुगदॉस ने सलमान खान के किरदार को कमजोर और निराशाजनक तरीके से पेश किया है। उनका एक्शन पहले की फिल्मों की तुलना में ठंडा और बिना ऊर्जा के लगता है। सलमान के कैरेक्टर को जिस तरह से दर्शाया गया है, वह उनके स्टारडम के अनुरूप नहीं है, और यह उनकी छवि से मेल नहीं खाता।

इमोशनल सीन भी फिल्म में बहुत कम प्रभावी हैं, खासकर जब सलमान खान को भावनात्मक रूप से कमजोर दिखाया गया है। ऑर्गन डोनेशन जैसे गंभीर मुद्दे को फिल्म में जिस तरह से पेश किया गया है, वह बहुत प्रभावी नहीं लगता। फिल्म की कहानी में इस मुद्दे को जोड़ने की कोशिश की गई है, लेकिन यह कहीं से भी संतुलित नहीं लगता और एक अच्छे तरीके से फिल्म की कहानी में घुल नहीं पाता है।

कुल मिलाकर: सिकंदर में सलमान खान का एक्शन और स्वैग तो दिखाई देता है, लेकिन फिल्म की कहानी और निर्देशन में जो कमी है, वह फिल्म को एक सामान्य स्तर तक ही सीमित रखती है। ए.आर. मुरुगदॉस का निर्देशन सलमान के स्टार पावर से मेल नहीं खाता, और इसके चलते फिल्म की कहानी और सीन कुछ हद तक कमजोर पड़ जाते हैं। अगर आप सलमान खान के बड़े प्रशंसक हैं, तो आपको फिल्म में उनकी मौजूदगी देखने का आनंद मिलेगा, लेकिन अगर आप एक अच्छी कहानी और दमदार निर्देशन की उम्मीद रखते हैं, तो ‘सिकंदर’ आपको निराश कर सकती है।

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