उपरोक्त विषयक अवगत कराना है की इस नवोदित प्रदेश में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार एवं चाटुकारिता करने वाले अधिकारियों द्वारा प्रदेश में विकास की राह को बाधित किया गया है प्रमुख केंद्रों को आपके माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड को ज्ञापन प्रस्तुत कर रहा हूं आशा है कि आप निम्न बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट कर प्रदेश के विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे!

आबकारी विभाग में कतिपय अधिकारी श्रेणी क डिप्टी कमिश्नर के पद का परित्याग कर रहे हैं प्रदेश में पहला विभाग है जो पदोन्नति का परित्याग कर प्रदेश में जिला आबकारी अधिकारी के पद पर बने रहना चाहते हैं उसके पीछे उनकी मंशा स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है पद के परित्याग करने पर उसको अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है परंतु उनको जिले का चार्ज ले जाने की तैयारी है जो कि प्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा को बढ़ावा दिए जाने का पर्याय है!

प्रदेश में रुड़की शराब कांड में संलिप्त अधिकारियों को उसी जिले या प्रमुख जिले में सत्तासीन किए जाने की तैयारी की जा रही है बल्कि कांड में प्रमुख जिम्मेदार अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया जाना प्रदेश में नौकरशाही की इमानदारी पर प्रश्न चिन्ह लगता है!

आबकारी विभाग में कतिपय चाटुकारिता करने वाले अधिकारियों के कारण विभाग निरंतर विभाग रसातल की ओर जा रहा है उच्च स्तरीय अधिकारी भी इन की चाटुकारिता के कायल हैं तथा अपने चहेते अधिकारी एवं मनपसंद अधिकारी को विभिन्न आरोपों से बरी कर लेते हैं!


बहुत ही प्रदेश की विडंबना कहें कि इस प्रदेश के अधिकारी पर लगाम लगाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जाते हैं तथा प्रदेश सरकार भी इस प्रकार के अधिकारियों पर किसी प्रकार का अंकुश लगाने में विफल है!

अंत में प्रदेश सुराज सेवा दल महोदय से निवेदन करता है कि विभाग में इस तरह से कुंडली मारकर एक स्थान पर बैठे अधिकारियों को तुरंत स्थानांतरित कर तथा उक्त बिंदुओं पर त्वरित कार्यवाही कर विभाग को भ्रष्टाचार से उन्मुक्त के जाने एवं इस प्रकार के अधिकारियों को चिन्हित कर लगाम लगाने की विनम्र प्रार्थना करता है!


वर्ष 2018-19 मैं प्रदेश स्तर पर आबकारी नीति में प्रावधान होने के बाद भी दुकानों को दैनिक आधार पर नहीं चलाया गया जिससे करोड़ों रुपए की राजस्व की हानि के संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों के विषय में जांच की जाए दैनिक आधार पर दुकान में चलाए जाने पर एवं करोड़ों रुपए की हानि के संबंध में ऑडिट आपत्ति भी लग चुकी है परंतु उत्तराखंड सरकार इस प्रकार से अनियमितताओं पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है!
अंत में सुराज सेवा दल सरकार से मांग करता है कि उक्त पर कार्रवाई कर जल्दी ही इस प्रकार के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए यदि इन पर उचित कार्यवाही नहीं की जाती है तो प्रदेश स्तर पर साक्षर अभियान चलाकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा

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