“यूरोप को संभल जाना चाहिए, नहीं तो यूरोप नहीं रहेगा”: ट्रंप का आव्रजन पर बड़ा बयान
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यूरोप में हो रहे आव्रजन (इमिग्रेशन) को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। शनिवार को स्कॉटलैंड में एयर फोर्स वन से उतरने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने यूरोप में हो रहे अवैध प्रवास को “भयानक आक्रमण” (horrible invasion) करार दिया और चेतावनी दी कि अगर यूरोपीय देश नहीं संभले तो वे अपने अस्तित्व को ही खो बैठेंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “इमिग्रेशन यूरोप को खत्म कर रहा है। उन्हें अब संभल जाना चाहिए, वरना यूरोप जैसा कुछ नहीं बचेगा।” उन्होंने आगे कहा कि कई यूरोपीय देशों में जिस तरह से प्रवासियों का आगमन बढ़ रहा है, वह खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, और यह सामाजिक ढांचे, सांस्कृतिक पहचान और सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
ट्रंप ने यह भी कहा कि यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह यूरोप के भविष्य से जुड़ा एक गंभीर मामला है। उन्होंने यूरोपीय नेताओं को चेताते हुए कहा कि उन्हें अवैध इमिग्रेशन को रोकने के लिए तत्काल और सख्त कदम उठाने होंगे।
यह बात गौर करने लायक है कि ट्रंप खुद एक ऐसे परिवार से आते हैं जिनकी जड़ें यूरोप में रही हैं। उनके पिता फ्रेड ट्रंप और मां मैरी ऐन मैक्लॉड यूरोप से अमेरिका प्रवास करके आए थे। इसके बावजूद ट्रंप का मानना है कि वर्तमान दौर का आव्रजन वैध और नियंत्रित नहीं है, और यही यूरोप को कमजोर कर रहा है।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब यूरोप के कई देश – जैसे जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन – प्रवासी संकट से जूझ रहे हैं। युद्धग्रस्त देशों से लाखों लोग यूरोप की ओर पलायन कर रहे हैं, जिससे वहां की आंतरिक राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे पर भारी दबाव पड़ा है।
ट्रंप के इस बयान को लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है। जहां एक तरफ उनके समर्थक इसे सच्चाई के रूप में देख रहे हैं, वहीं आलोचक इसे एक भड़काऊ और असंवेदनशील बयान बता रहे हैं जो प्रवासियों के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देता है।
ट्रंप अपने कार्यकाल के दौरान भी अमेरिका में आव्रजन को लेकर बेहद सख्त नीति अपनाते रहे हैं। उन्होंने मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की पहल की थी और कई मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाई थी।
अब जब वे फिर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं, तो उनका यह बयान संकेत देता है कि अगर वे सत्ता में लौटते हैं, तो इमिग्रेशन एक बार फिर उनके एजेंडे का केंद्रीय मुद्दा रहेगा। ट्रंप का यह रुख यूरोप की राजनीति और अमेरिका-यूरोप संबंधों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

निष्कर्षतः, ट्रंप का यह बयान केवल यूरोपीय नेताओं को चेतावनी नहीं, बल्कि वैश्विक आव्रजन नीति को लेकर आने वाले दिनों में एक नई बहस की शुरुआत भी हो सकती है।