आईपीएल 2025 के 18वें सीजन की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है, जिसमें 10 टीमें हिस्सा लेंगी। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच ओपनिंग मैच कोलकाता में खेला जाएगा। ये दोनों टीमें आईपीएल के पहले सीजन यानी 2008 से इस टूर्नामेंट का हिस्सा रही हैं। हालांकि, इस टूर्नामेंट के 18 साल के इतिहास में ऐसी 5 टीमें भी रही हैं, जो अब आईपीएल का हिस्सा नहीं हैं। इन टीमों में से एक तो वह है, जिसने 2009 में चैंपियन का खिताब जीता था, लेकिन उसके बावजूद वह टीम आईपीएल से बाहर हो गई। वहीं एक टीम ऐसी भी रही, जिसके खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने अपना इकलौता टी-20 शतक भी लगाया था।

2009 की चैंपियन टीम का अचानक गायब होना

2009 में आईपीएल की चैंपियन टीम रही डेक्कन चार्जर्स थी, जो टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं है। डेक्कन चार्जर्स ने 2009 में शानदार प्रदर्शन किया था और फाइनल में दिल्ली डेयरडेविल्स को हराकर ट्रॉफी जीती थी। इस टीम में दिग्गज खिलाड़ियों जैसे Adam Gilchrist, Shahid Afridi, और Kumar Sangakkara जैसे सितारे थे। हालांकि, इसके बाद टीम का हिस्सा न रहना और आईपीएल से बाहर होना एक रहस्य बनकर रह गया। इसका कारण बेशक फ्रेंचाइजी और बोर्ड के बीच विवादों से जुड़ा था। 2012 में बीसीसीआई ने डेक्कन चार्जर्स को बाहर कर दिया और उस फ्रेंचाइजी को आईपीएल से हटा दिया गया, जिसके बाद उसकी जगह नई टीम को जगह दी गई।

कोच्चि टी-20 टीम और सचिन तेंदुलकर का शतक

2011 के आईपीएल सीजन में एक और नई टीम कोच्चि टस्कर्स केरला का आगमन हुआ था। यह टीम महेला जयवर्धने की कप्तानी में खेली थी और इसमें ब्रेंडन मैक्कुलम, रवींद्र जडेजा, मुथैया मुरलीधरन, आरपी सिंह और श्रीसंथ जैसे स्टार खिलाड़ी शामिल थे। हालांकि, कोच्चि टीम एक ही सीजन खेली और उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इस टीम ने 14 में से केवल 6 मैच ही जीते और पॉइंट्स टेबल में आठवें स्थान पर रहकर प्लेऑफ में जगह नहीं बना सकी। इसके बावजूद कोच्चि टीम के खिलाफ ही क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने अपने टी-20 करियर का इकलौता शतक लगाया था। 15 अप्रैल 2011 को मुंबई इंडियंस और कोच्चि टस्कर्स के बीच वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। सचिन तेंदुलकर ने 51 गेंदों में 100 रन बनाए, और उनकी शानदार पारी की बदौलत मुंबई इंडियंस ने 182 रन बनाए।

हालांकि, ये स्कोर टीम की जीत के लिए पर्याप्त नहीं रहा। कोच्चि टस्कर्स ने 19 ओवर में केवल दो विकेट खोकर मुंबई इंडियंस के टारगेट को हासिल कर लिया। ब्रेंडन मैक्कुलम की 81 रन की मैच विनिंग पारी ने कोच्चि टीम को जीत दिलाई और मुंबई की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इसके बाद कोच्चि टस्कर्स को आईपीएल में और कोई अवसर नहीं मिला और 2011 के बाद टीम को आईपीएल से हटा दिया गया।

निष्कर्ष

2009 की चैंपियन डेक्कन चार्जर्स और 2011 में आईपीएल में आई कोच्चि टस्कर्स जैसे उदाहरण यह दर्शाते हैं कि आईपीएल के इतिहास में कुछ टीमें चैंपियन बनने के बावजूद या अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद लंबे समय तक आईपीएल में नहीं रह पाई। इन घटनाओं ने आईपीएल के बढ़ते और बदलते स्वरूप को दिखाया है, जहां टीमों की सफलता और असफलता के अलावा फ्रेंचाइजी के प्रबंधन, विवादों और अन्य मुद्दों का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है।

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