दिल्ली सहित उत्तर भारत में अचानक बढ़ी गर्मी ने मौसम में बदलाव को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या सर्दी का मौसम खत्म हो गया है? क्या गर्मी जल्द ही लौट आई है? और आखिर क्यों अचानक तापमान में इतनी तेजी से वृद्धि हुई है? केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, उत्तर भारत के मौसम में इस समय कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं, जिनकी वजह से दिल्ली समेत अन्य क्षेत्रों में सर्दी के मौसम में अचानक गर्मी का अनुभव हो रहा है।

सर्दी के मौसम में बदलाव:

इस साल सर्दी का मौसम थोड़ा विलंब से आया और बहुत ठंडा नहीं रहा, लेकिन अब अचानक 9.3 डिग्री सेल्सियस के न्यूनतम तापमान के साथ गर्मी में वृद्धि का कारण पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी हवाएं हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की वैज्ञानिक डॉ. सोमा सेन रॉय के अनुसार, इस समय एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है, जो न केवल तापमान को बढ़ा रहा है, बल्कि हवा की दिशा में भी बदलाव ला रहा है। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों में तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि हो रही है।

वायु गुणवत्ता और प्रदूषण:

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी इस समय गंभीर रूप से बढ़ा हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 262 के स्तर पर रहा है, जो कि ‘खराब’ श्रेणी में आता है। यह सूचकांक उन स्थानों पर वायु गुणवत्ता की स्थिति को दर्शाता है, जहां लोगों को सांस की समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। जब AQI 201 से 300 के बीच होता है, तो यह ‘खराब’ माना जाता है, और इस स्थिति में अधिकतर लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है। इसके साथ ही, दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद जताई गई थी।

बारिश और कोहरे का प्रभाव:

मौसम विभाग के मुताबिक, इस दौरान पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और उत्तरी राजस्थान में बारिश होने की संभावना जताई गई है। इससे न केवल तापमान में गिरावट आ सकती है, बल्कि वायु गुणवत्ता में भी सुधार हो सकता है। वहीं, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा में घना कोहरा छाया रहेगा, जिससे दृश्यता कम हो सकती है और यात्रियों को परेशानी हो सकती है।

गर्मी का बढ़ता असर:

दिल्ली में 19 जनवरी को अधिकतम तापमान 26.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो पिछले छह वर्षों में सबसे गर्म जनवरी का दिन था। इससे पहले 2019 में 21 जनवरी को 28.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था, जो एक ऐतिहासिक गर्मी का दिन था। इस साल भी तापमान में अचानक वृद्धि से ऐसा महसूस हो रहा है कि सर्दी का मौसम बहुत जल्दी खत्म हो गया और गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।

भविष्य की संभावना:

हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि दो दिन बाद, यानी 24 जनवरी से तापमान में गिरावट आ सकती है, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ेगा और उससे ठंडी हवाएं उत्तर भारत में वापस आ सकती हैं। इसका असर तापमान पर पड़ने की संभावना है, और फिर से सर्दी के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

निष्कर्ष:

उत्तर भारत के मौसम में अचानक बदलाव से साफ है कि मौसम का मिजाज पहले से कहीं अधिक अनिश्चित हो गया है। जहां एक ओर पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी हवाएं तापमान को बढ़ा रही हैं, वहीं बारिश और कोहरे का असर भी अलग-अलग हिस्सों में देखने को मिलेगा। ऐसे में, तापमान में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा, और इस बदलाव को लेकर लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता होगी। प्रदूषण का स्तर भी एक चिंता का विषय है, जिसे नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने की जरूरत है।

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