दिल्ली में सीएम और दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला संभव, आज शाम 7 बजे होगी विधायक दल की बैठक, कल 12:35 बजे शपथ ग्रहण

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के 11 दिन बाद आखिरकार आज मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान होने जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी रणनीति के तहत प्रदेश कार्यालय में बुधवार शाम 7 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें सीएम पद के लिए चुने गए नेता के नाम की घोषणा की जाएगी। इसके साथ ही कैबिनेट मंत्रियों के नाम भी तय किए जा सकते हैं। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में वरिष्ठ बीजेपी नेता मौजूद रहेंगे और अंतिम फैसला लिया जाएगा।

जेपी नड्डा ने पहले ही दिया था संकेत

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री पार्टी के निर्वाचित विधायकों में से ही होगा। इससे यह साफ हो गया कि दिल्ली का नेतृत्व किसी स्थानीय नेता के हाथ में दिया जाएगा, न कि बाहर से किसी बड़े नेता को लाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की रणनीति दिल्ली की सामाजिक और क्षेत्रीय संरचना को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री के साथ दो डिप्टी सीएम बनाने का विचार किया जा रहा है। यह फैसला दिल्ली की जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के उद्देश्य से लिया जा सकता है।

दलित, पूर्वांचल और जाट का कॉम्बिनेशन बन सकता है

सूत्रों का कहना है कि बीजेपी इस बार दलित, पूर्वांचल और जाट समुदाय को संतुलित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश कर रही है। इस रणनीति के तहत मुख्यमंत्री पद पर किसी एक जातीय समूह के बजाय संतुलित नेतृत्व देने की योजना है। दिल्ली की राजनीति में पूर्वांचल के मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, वहीं दलित और जाट समुदाय भी प्रभावशाली स्थिति में हैं। बीजेपी की यह रणनीति आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए भी बनाई गई है ताकि सभी वर्गों का समर्थन सुनिश्चित किया जा सके।

रामलीला मैदान में होगा शपथ ग्रहण समारोह

नए मुख्यमंत्री और मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को दोपहर 12:35 बजे दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में होगा। इस कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें करीब 30,000 मेहमान शामिल होंगे, जिनमें बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे।

कैबिनेट में सात मंत्री हो सकते हैं शामिल

जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री के साथ सात अन्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जा सकती है। इसके तहत दिल्ली की प्रमुख समस्याओं—जैसे पानी, बिजली, परिवहन, शिक्षा और स्वास्थ्य—को ध्यान में रखते हुए अनुभवी नेताओं को मंत्री पद दिया जाएगा। दिल्ली में बीजेपी की नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना और “आप” सरकार के खिलाफ उठाए गए मुद्दों पर प्रभावी काम करना होगा।

दिल्ली की राजनीति में नया अध्याय

बीजेपी ने 25 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का अवसर पाया है। ऐसे में पार्टी कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। नए मुख्यमंत्री और उनकी टीम के सामने आम आदमी पार्टी की नीतियों को चुनौती देने के साथ-साथ दिल्ली की जनता के बीच विश्वास कायम रखने की भी बड़ी जिम्मेदारी होगी। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बीजेपी किसे मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम बनाती है और उसकी नई कैबिनेट कैसी होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *