लगातार उत्तराखंड लाइव न्यूज़ की टीम गांव गांव तक पहुंच रही है वही चलाई उत्तराखंड लाइव न्यूज़ की इस मुहिम के तहत गांव की समस्या देखने को मिल रही है,जिससे गांव की समस्याएं सरकार तक पहुंच सके। आज हमारी टीम पहुंची देहरादून से सटे *तौलिया काटल* गांव में जो अपने आप अपनी पीड़ा बता रहा है। यहां एक नदी है जो की दो विधानसभाओं को विभाजित करती है। एक गांव से दूसरे गांव में जाने के लिए नदी के ऊपर बने झूला पुल पर झूलते हुए जाना पड़ता है। यदि गांव में कोई बीमार हो तो उसे पुल पर बनी कुर्सी में बांधना पड़ता है।यह पुल वही गाँव की जनता द्वारा ही बनाया गया है और सड़क व्यवस्था इस तरह है की उत्तराखंड लाइव न्यूज़ की टीम को पैदल कई किलोमीटर चलकर जाना पड़ा। ये गांव दो विधानसभाओं के बीच है पहली रायपुर जिसके विधायक उमेश शर्मा काऊ है जो की भाजपा से है और दूसरी धनौल्टी जो को प्रीतम सिंह पंवार की की विधानसभा जो अभी हाल ही में भाजपा में शामिल हुए है। गांव वालो का कहना है की अगर किसी को बुखार तक आता है तो सीधा रायपुर जाना पड़ता है, ओर आज तक उनकी ओर कभी ध्यान नहीं दिया है और इस बार वो लोग किसी को वोट नहीं देंगे। क्योंकि सरकार आती है उनको आस्वासन देती है लेकिन जितने के बाद धरातल पर कुछ नही होता।अब वो लोग अपने को ठगा सा महसूस कर रहे है।झेत्र जनता ने बताया केवल विधायक खजान दास द्वारा ही क्षेत्र के लिए कुछ कार्य किये गए है उनके जाने के बाद यह किसी नेता ने तो पहले गाँव वालों के लिए सोचा ओर न अभ सोचा,वही जनता ने बताया कि बच्चो के लिए शिक्षा के नाम पर 7 8 ग्रामसभाओं का एक ही इंटर कॉलेज है जो की 12 किलोमीटर दूर है जिसमे पढ़ने के लिए बच्चो को सुबह घर से निकलना पड़ता है , जहा बच्चो को जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। लेकिन इस बार ग्रामीणों का कहना है की यदि उनके गांव में सड़क व्यवस्था सही की जाती है ,यदि उनकी गांव में हॉस्पिटल बनाया जाता है और सॉग नदी पर पुल बनता है जिससे एक गांव से दूर गांव जाने मे आसानी होगी तभी वो लोग 2022 के चुनावों में मतदान करेंगे अन्यथा इस बार पूरा गांव चुनाव बहिष्कार करेगा। आपको बाते दे यह गांव भी अस्थाई राजधानी देहरादून से सटा है। इस गांव से आगे भी अभी बहुत गांव है जो खुद अपनी स्थिति को देखकर पीड़ित है। गुहार लगाते इन गांवों का सफर हम जारी रखेंगे।