वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर उत्तराखंड में बड़ा भूकंप आता है तो कम से कम एक लाख आबादी प्रभावित होगी। कभी चमोली,कभी धारचूला,कभी पिथौरागढ़, तो कभी उत्तरकाशी में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. पिथौरागढ़ में बीती रात फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। खासकर नेपाल सीमा से सटी काली गंगा घाटी में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने इसका कारण पता लगाया है, साथ ही चेतावनी भी दी है। वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका जताई है। यहां आपको धारचूला में हो रही भूगर्भीय गतिविधियों के बारे में भी पता होना चाहिए।

मई 2021 में वाडिया के वैज्ञानिकों का एक शोध जियोफिजिकल जर्नल इंटरनेशनल एंड टेक्टोनोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें कहा गया है कि उत्तर पश्चिमी हिमालय की तुलना में कुमाऊं हिमालय में क्रस्ट लगभग 38-42 किमी मोटी है। यह क्रस्ट इस क्षेत्र में सूक्ष्म और मध्यम तीव्रता के भूकंपों के लिए जिम्मेदार है। शोध में कहा गया है कि उत्तर पश्चिम हिमालय की तुलना में कुमाऊं हिमालय की पपड़ी लगभग 38-42 किमी मोटी है। वैज्ञानिकों ने पिछले तीन वर्षों में धारचूला में 4.4 तीव्रता के तीस से अधिक भूकंप दर्ज किए हैं।

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