उत्तराखंड राज्य के गठन को आज 22 साल पूरे हो गए हैं और इस दौरान सपनों का उत्तराखंड मिला है, इस संबंध में हमारे संवाददाता ने राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों के साथ एक विशेष बैठक की।राज्य आंदोलनकारी देवी गोदियाल ने बताया कि जिस संकल्पना के लिए उत्तराखंड राज्य बना था वह आज तक पूरा नहीं हो पाया है और उत्तराखंड के निवासी आज ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।


इस मौके पर प्रदेश के आंदोलनकारी एवं पूर्व नगर निगम अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि जल, जंगल और जमीन के लिए उत्तराखंड राज्य आंदोलन चला और इसमें सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन आज उत्तराखंड में नौकरशाही का दबदबा है, यहां के लोगों को कई यातनाएं झेलनी पड़ी हैं. और कई लोगों ने अपनी शहादत भी दी, लेकिन 22 साल बीत जाने के बाद भी सपनों का उत्तराखंड नहीं बना है।राज्य आंदोलनकारी बिजेंद्र पुंडीर ने कहा कि पलायन राज्य में सबसे बड़ी समस्या है और आज गांव के गांव खाली हो गए हैं।

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