रुड़की में एक दुष्कर्म पीड़िता ने कोर्ट कैम्पस में जहरीले पदार्थों को खाने की घटना के बाद, महिला आयोग की अध्यक्ष ने स्वतंत्र रूप से मामले का संज्ञान लिया है।मामले में उपलब्ध जानकारी के आधार पर पता चलता है कि रुड़की निवासी महिला, जिसे दुष्कर्म का सामना करना पड़ा था, लगभग 5 महीने पूर्व गर्भवती थी। इसके परिणामस्वरूप, पीड़ित महिला ने गर्भपात के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसकी सुनवाई कोर्ट में चल रही थी। इस बारे में विवाद हो रहा था, इसलिए आज वह अपने परिजनों के साथ कोर्ट परिसर में पहुंची थी, जहाँ उसने जहरीले पदार्थों को खाया था।

मामले में, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने तत्काल संज्ञान लेते हुए तथ्यों की जाँच की और पीड़िता के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए रुड़की के सिविल अस्पताल में डॉक्टर वंदना भारद्वाज से संपर्क किया। डॉक्टर ने बताया कि अब पीड़िता को खतरा नहीं है और उसने मुश्किल से नली डालकर उसका जहर बाहर निकाला गया है।इसी मामले में, आयोग की अध्यक्ष, कुसुम कंडवाल, ने रुड़की के एसएचओ गंगनहर से वार्ता करते हुए उक्त मामले की जाँच के निर्देश दिए हैं। इसके अनुसार, एसएचओ ने बताया है कि पीड़िता की शिकायत पर आरोपी को नवंबर के 9 तारीख को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था। जो कि अभी जेल में है। वहीं पीड़िता का एक मुकदमा गर्भपात के लिए कोर्ट में विचाराधीन है, जिसमें वह सुनवाई के लिए आई थी। इसी दौरान पीड़िता ने आत्महत्या का प्रयास कर लिया है।

उक्त मामले में महिला आयोग ने गंभीरता से जांच व आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए साथ ही उन्होंने पीड़िता की काउंसलिंग कराने के लिए भी निर्देशित किया।

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