लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व, और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की नियमावलियों पर चर्चा के साथ-साथ, संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक और टिहरी झील प्रोजेक्ट की अभी तक की प्रगति की समीक्षा भी की गई।
पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के अध्यक्षता में सोमवार को गढ़ी कैंट स्थित पर्यटन विकास परिषद में श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की नियमावलियों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही, संस्कृति विभाग द्वारा भी चर्चा की गई, जो प्रदेश के पैथिकों और तात्कालिक परिस्थितियों के संदर्भ में नई पहल की जा रही है।
कार्यों की समीक्षा करने के अलावा टिहरी झील प्रोजेक्ट की अभी तक की प्रगति की समीक्षा सहित तीन-तीन बैठकें कर अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से गुणवत्तायुक्त कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने सर्वप्रथम श्री बद्रीनाथ-श्री केदारनाथ मंदिर समिति की बैठक में प्रस्तावित कर्मचारी सेवा नियमावली पर चर्चा करने के साथ-साथ मंदिर समिति में कार्यरत हक-हकूकधारियों, डिमरी, पुजारीगण, समालिया, भण्डारी आदि पदों के संबंध में विचार किया गया।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की बैठक के बाद, संस्कृति मंत्री महाराज ने अधिकारियों को संस्कृति विभाग में कलाकारों के लंबित भुगतानों को शीघ्र करने और राजकीय मेलों को मिलने वाले अनुदान का भुगतान करने के लिए भी निर्देश दिए।
पर्यटन मंत्री महाराज ने टिहरी झील के चारों ओर रिंगरोड हेतु 7708.27 करोड़ की लागत से फिजीबिलिटी, संरेखण, सर्वेक्षण, और भूमि अधिग्रहण की अभी तक की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक के बाद, महाराज ने बताया कि टिहरी जलाशय के 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में चारों ओर सम मोटर मार्ग के निर्माण और मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए 234.60 किमी रिंगरोड का निर्माण किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 124.96 करोड़ है। इससे जनपद के 173 गांव की लगभग 84000 आबादी सीधे रूप से लाभान्वित होगी। इसके साथ ही, चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्री भी इस रिंगरोड का मुख्य और वैकल्पिक मार्ग के रूप में उपयोग कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रस्तावित रिंगरोड के निर्माण से टिहरी बांध जलाशय में ढिशुम विधि से आने वाले पर्यटकों के लिए आसानी होगी और साल भर जलकिरण और साहसिक खेलों का आयोजन संभव होगा, जिससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वर्तमान में फीजिबिलिटी सर्वेक्षण हेतु अनुबंध गठित किया जा रहा है और परियोजना के कोठी से डोगरा चांटी सेतु तक के भाग पर उत्तराखंड पर्यटन निदेशालय, देहरादून के द्वारा डीपीआर तैयार करने की कार्यवाही चल रही है।
बैठक में बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, पर्यटन युगल किशोर पंत, संस्कृति एवं धर्मस्व अनुभाग अधिकारी नीरज मल, वित्त नियंत्रक पर्यटन जगत सिंह चौहान, संस्कृति निदेशक बीना भट्ट, वीडी सिंह, रमेश रावत, और योगम्बर सिंह आदि मौजूद थे।