Sorry, you have been blocked

You are unable to access thailand-u31.com

Why have I been blocked?

This website is using a security service to protect itself from online attacks. The action you just performed triggered the security solution. There are several actions that could trigger this block including submitting a certain word or phrase, a SQL command or malformed data.

What can I do to resolve this?

You can email the site owner to let them know you were blocked. Please include what you were doing when this page came up and the Cloudflare Ray ID found at the bottom of this page.

3177 बसावटों को प्रमुख मार्ग से जोड़ा जाएगा: महाराज - Uttarakhand Live News

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ग्रामीण निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड, ने “मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना” के तहत उत्तराखण्ड राज्य के ऐसे गांवों का चयन किया है, जिनकी आबादी 250 तक है, और इन्हें संयोजित किया जाएगा।

उक्त बात प्रदेश के लोकनिर्माण, ग्रामीण निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शुक्रवार को जारी अपने एक बयान में कही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की लगभग 2035 बसावटें (6276 किमी0) मुख्य मोटर मार्ग से संयोजित नहीं है तथा कच्चे मार्गों से संयोजित 1142 बसावटें (3638 किमी0) ऐसी है जो ग्रामीण सड़कों के मानकों के अनुसार नहीं बने हैं। इस प्रकार कुल 3177 बसावटों (9914 किमी0) को मुख्य मार्ग से संयोजित करने हेतु कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया है।

ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने यह कहा है कि योजना का प्रमुख उद्देश्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली वह आबादी है जो प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना या अन्य योजनाओं से वंचित रह गई है। को इस योजना से संयोजन का लाभ प्रदान करना है। असंयोजित बसावटों का चयन जिला स्तर पर जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जायेगा। जनपद में संयोजन से वंचित पात्र ग्रामों, बसावटों की पहचान के लिए जनपद के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा। समिति द्वारा जनपद में प्राथमिकता या अवरोही क्रम में ग्रामों की जनसंख्या के अनुसार परियोजनाओं के चयन की संस्तुति की जायेगी। विभाग द्वारा जनपदों से प्राप्त प्रस्तावों को संकलित कर बजट की उपलब्धता के अनुरूप शासन को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया जायेगा।

महाराज ने कहा कि परियोजनाओं के प्रथम चरण हेतु राज्य योजना के अन्तर्गत स्वीकृति प्रदान की जायेगी एवं द्वितीय चरण के कार्यों का वित्त पोषण नाबार्ड के माध्यम से किया जायेगा। सड़क के निर्माण तल की चौड़ाई 5.20 मी0 होगी तथा कैरिज-वे की न्यूनतम चौड़ाई 3.00 मी० रखी जायेगी। सड़कों के निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण सामान्यतः 7.00 मी० चौड़ाई में किया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण सड़कों के निर्माण से स्थानीय स्तर पर काश्तकारों द्वारा उत्पादित उत्पादों को मुख्य बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे उन्हें उत्पादों का सही मूल्य मिल सकेगा, जिससे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी एवं उनकी आर्थिकी में सुधार होगा। स्थानीय उत्पादों के अनुसार लघु एवं कुटीर उद्योगों का विकास होगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा जिससे पलायन पर रोक लगेगी।

ग्रामीण निर्माण मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक सेवाओं जैसे स्कूल, अस्पताल, पंचायत घर एवं अन्य जन सुविधा केन्द्रों आदि तक सुगम पहुँच होगी। सड़क की सुविधा विकसित होने से पर्यटन से सम्बन्धित गतिविधियों का विकास होगा। आकस्मिकता या आपदा की स्थिति में सड़क संयोजकता उपलब्ध होने से राहत एवं बचाव कार्यों में आसानी होगी।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *