रिपोर्ट- ललित जोशी
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कोविड़ संबंधी मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश जारी किये हैं।
कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद 18 अगस्त को अग्रिम सुनवाई की तिथि नियत की है।
कोर्ट ने राज्य सरकार व स्वास्थ्य सचिव को आदेश देते हुए कहा
सरकारी अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर की क्या स्थिति है उसका विवरण अगली तिथि तक दें। राज्य में सरकारी अस्पतालों में नर्स एवं वार्ड बॉय आदि सपोर्ट स्टाफ के कितने पद खाली हैं और उनकी भर्ती के संबंध में क्या प्रक्रिया चलाई जा रही है और क्या कदम उठाए गए इसका विवरण दें। राज्य में डेल्टा प्लस वैरीअंट के संबंध में क्या स्थिति है और पूर्व में जो 300 सैंपल भेजे गए थे उनके संबंध में क्या परिणाम आए और इस संबंध में क्या सावधानियां बरती गई है इसका विवरण दें।
इंटर्न चिकित्सकों को स्टाइपेंड बढ़ाने के बारे में घोषणा की गई है परंतु उसको अगली तिथि से पूर्व लागू किया जाए और साथ ही उन लोगों का मानदेय समय पर प्रदान किया जाए प्रतिमाह। राज्य में एंटी स्पिटिंग एंड एंटी लिटरिंग एक्ट 2016 के प्रावधान पूर्व से लागू है उनको सख्ती से अनुपालन कराया जाए।राज्य में वैक्सीनेशन सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाए और राज्य सरकार जिन लोगों के मन में वैक्सीनेशन को लेकर संशय है और कुछ अंधविश्वास है तो उनके लिए राज्य सरकार भ्रम दूर करने के लिए उचित प्रचार प्रसार करें। राज्य में वे सभी दिव्यांगजन जो अपने घर के पास स्थित वैक्सिनेशन सेंटर में भी पहुंचने की स्थिति में नहीं है उनके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारी घर पर ही वैक्सीन लग सके ऐसी व्यवस्था करेंगे। राज्य में दिव्यांग जनों के लिए वैक्सीनेशन की उचित व्यवस्था की जाए और उनके कैंप वगैरह कहां लगेंगे इसकी पूर्व सूचना जिलाधिकारी सभी माध्यमों से प्रचार प्रसार करेंगे। ऐसे कैंप में दिव्यांग जनों की सुविधाओं का पूर्ण ख्याल रखा जाएगा। राज्य सरकार ने अस्पतालों में निर्बल वर्ग के लिए 25% बेड आरक्षित किए थे परंतु उक्त आदेश को 25 जुलाई को वापस ले लिया है कोर्ट ने राज्य सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
राज्य में स्थित सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध एंबुलेंस की स्थिति सुविधाएं और उनकी क्षमता के संबंध में ऑडिट रिपोर्ट कोर्ट ने तलब की है।
क्योंकि चारधाम का प्रकरण राज्य सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और वहां से कोई निर्णय नहीं हुआ है अतः राज्य सरकार की यात्रा पर रोक जारी रखने के लिए कोर्ट में दी गई सहमति पर कोर्ट ने आज चारधाम यात्रा पर लगी रोक को भी अगली तिथि तक बढ़ा दिया है।