श्याम-बाबा के शीश दान की कथा को जब जीवंत रूप में चित्रित किया गया तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। दिल्ली के कथाकार मुकेश गोयल ने अखण्ड ज्योति पाठ के अनुसार संगीतमय कथा सुनाई, जबकि कलकत्ता के कलाकारों की टीम ने इस पर एक सुंदर प्रस्तुति दी।
रविवार को श्री बालाजी सेवा समिति की ओर से पथरीबाग चौक स्थित ब्लेसिंग फार्म में श्री श्याम बाबा के शीश दान कथा-कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर जैसे ही मुकेश गोयल द्वारा संगीतमय कथा का शुभारंभ किया गया तो श्रद्धालु झूम उठे।. उन्होंने अखण्ड ज्योति पाठ के अनुसार श्याम बाबा की जीवनी का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कैसे श्याम बाबा की मां शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करती हैं। श्याम-बाबा किस प्रकार शीश दान करते हैं? कहानी अलग-अलग भावों से भरी हुई थी इसलिए श्रद्धालु कभी भावुक तो कभी झूमते नजर आए। वहीं कलकत्ता के कलाकारों द्वारा दी गई अलग-अलग प्रस्तुतियों ने कहानी को और भी खूबसूरत बना दिया।
इस अवसर पर श्री बालाजी सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि समिति के दस वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में यह आयोजन किया जा रहा है. बताया कि उत्तराखंड में पहली बार श्याम बाबा के शीश दान की लीलाओं का वर्णन करने वाला कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. समिति के सचिव मनोज खंडेलवाल ने बताया कि समिति धार्मिक गतिविधियों में काफी आगे है. इसके साथ ही समिति द्वारा गौ सेवा भी की जाती है।
इस अवसर पर समिति के मुख्य संरक्षक रामकुमार गुप्ता, श्रवण वर्मा, कुलभूषण अग्रवाल, सौरभ गुप्ता, रवि सूद, दीपक सिंघल, दिनेश चंद्र गोयल, अश्विनी अग्रवाल, महिला मंडल अध्यक्ष ममता गर्ग सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
अब सब कृष्ण को बुलाते हैं कलकत्ता की कला अर्पण संस्था द्वारा श्याम बाबा की जीवनी पर आधारित एक नृत्य-नाटक का मंचन किया गया। इसे कोरियोग्राफ करने वाले राहुल सिन्हा ने कहा कि उन्हें कृष्ण जी की भूमिका निभाए 23 साल हो चुके हैं।बताया कि उन्हें तेलंगाना सरकार की ओर से अभिनव कृष्ण पुरस्कार भी मिल चुका है। उनके कार्यक्रम कई चैनलों में दिखाई देते हैं और वे भरतनाट्यम कलाकार भी हैं। ऐसे में उनका असली नाम राहुल बहुत कम लोग जानते हैं. पूरे देश में लोग उन्हें कृष्ण कहते हैं।