रिपोर्ट — दीपाली पासी

हर साल आज ही के दिन यानी सात जुलाई को वर्ल्ड चॉकलेट डे मनाया जाता है. हालांकि इस साल इस खास दिन की चमक कोरोना वायरस की वजह से फीकी पड़ती नजर आ रही है। सन 1550 में सात जुलाई को पहली बार यूरोप में चॉकलेट डे मनाया गया था. जिसके बाद ये पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा। चॉकलेट खाने में तो स्वादिष्ट लगती ही है बल्कि ये शरीर को भी कई तरह से फायदा पहुंचाती है।
माना जाता है कि चॉकलेट इस दुनिया में करीब चार हजार साल पहले आई थी. पहली बार चॉकलेट का पेड़ अमेरिका में देखा गया था।अमेरिका के जंगल में चॉकलेट के पेड़ की फलियों के बीज से चॉकलेट बनाई गई ।दुनिया में सबसे पहले अमेरिका और मैक्सिको ने चॉकलेट पर प्रयोग किया था. कहा जाता है कि सन 1528 में स्पेन के राजा ने मैक्सिको पर कब्जा कर लिया. यहां राजा को कोको बहुत अच्छा लगा । इसके बाद राजा कोको के बीज को मैक्सिको से स्पेन ले गया. जिसके बाद वहां चॉकलेट चलन में आ गई।
फ़्रांस में इस दिन को वहाँ सबसे पसंदीदा छुट्टी का दिन भी माना जाता है। चॉकलेट का निर्माण दूध, अखरोट, किशमिश और विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थ को चीनी और कोको पाउडर के साथ मिलाकर किया जाता है. चॉकलेट एक उच्च स्तर का पौष्टिक खाद्य पदार्थ है. जिसे लोगों द्वारा बहुत पसंद किया गया और आज भी किया जा रहा है।

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