मसूरी देहरादून मार्ग पर झील के निकट प्राकृतिक स्रोत से पानी के दोहन पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन जी टी) द्वारा रोक लगा दी गई है जिससे मसूरी के होटलों में पानी का संकट गहराने लगा है इसी को लेकर आज नगर पालिका परिषद सभागार में उप जिलाधिकारी द्वारा बैठक का आयोजन किया गया और वहां मौजूद होटल व्यवसायियों को आदेश से अवगत कराया गया साथ ही बताया गया कि मसूरी झील से टैंकरों द्वारा पानी की सप्लाई पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है और सभी होटल व्यवसाई अपने स्तर से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करें।

एनजीटी में कार्तिक शर्मा द्वारा एक याचिका दायर की गई थी जिसमें मसूरी झील के निकट प्राकृतिक स्रोत से टैंकरों द्वारा पानी की आपूर्ति की जाती है जिससे उसका जल स्रोत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था जिसका संज्ञान लेते हुए एनजीटी द्वारा पानी की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बैठक में मौजूद होटल एसोसिएशन मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण मसूरी वन प्रभाग लोक निर्माण विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहे।


इस अवसर पर उप जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मसूरी देहरादून मार्ग पर झील के निकट प्राकृतिक स्रोत से पानी की आपूर्ति टैंकरों द्वारा होटलों में की जाती थी जिसका संज्ञान लेते हुए एनजीटी द्वारा इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है जिसके आदेश से सभी को अवगत करा दिया गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि एनजीटी द्वारा पानी के दोहन पर रोक लगा दी गई है।


वही मसूरी व्यापार मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने बताया कि एनजीटी द्वारा दिए गए आदेश के बाद होटल व्यवसायियों पर पानी का संकट गहरा गया है उन्होंने बताया कि वह इसके खिलाफ न्यायालय में अपील दायर करेंगे। नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि विधिक राय के बाद एनजीटी में अपना पक्ष रखा जाएगा और किसी भी प्रकार से मसूरी की छवि को धूमिल नहीं होने दिया जाएगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *