पर्यटन नगरी मसूरी में क्रिसमस की तैयारियां जोरों पर है और यहां स्थित चर्चो को लड़ियों गुब्बारों से सजाया जा रहा है वही रंग रोगन का कार्य भी किया जा रहा हैक्रिसमस के त्योहार का सम्पूर्ण वर्ष ईसाई समुदाय के लिए एक अद्वितीय समय होता है, खासकर बच्चों के लिए, जो सैंटा क्लॉज द्वारा दिए जाने वाले उपहारों का बेहद बेचैनी से इंतजार करते हैं।
वहीं इन दोनों कैरल सिंगिंग के कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहे हैं और शाम के समय ईसाई समुदाय के लोग हाथों में मोमबत्तियां लेकर प्रभु यीशु मसीह के भजन गाकर घर-घर जाते हैं और जहां पर उनका भव्य स्वागत किया जाता है।
पर्यटन नगरी मसूरी में 136 वर्ष पुराने सेंट्रल मेथाडिस्ट चर्च में भी क्रिसमस को लेकर खासी तैयारी की जा रही है जहां पर पूरे चर्च को सजाया गया है वही मसूरी में कई अन्य चर्चों को भी बहुत ही खूबसूरत ढंग से सजाया गया है
ईसाई समुदाय के लिए क्रिसमस का पर्व बहुत महत्व रखता है इस दिन प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ और आज भी उनका जन्मदिन धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
इस मौके पर प्रेम सिंह ने बताया कि सभी धर्म के लोग क्रिसमस को धूमधाम के साथ मनाते हैं इस मौके पर सभी घरों में विशेष पकवान बनाए जाते हैं आगामी मेहमानों को स्वागत करते समय, मसूरी में एक बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग आवास करते हैं, और क्रिसमस के दिन, विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन चर्चा में किया जाता है। सुष्मिता ने बताया कि इस अवसर पर चर्चा के साथ-साथ, घरों को भी सजाया जाता है, साफ़-सफाई और सौंदर्यपूर्ण ढंग से। बच्चे इस खास मौके पर क्रिसमस का उत्साह भरा स्वागत करते हैं। इस दिन, सभी घरों में प्रभु यीशु मसीह का सुसमाचार सुनाया जाता है, जिसमें बताया जाता है कि प्रभु यीशु मसीह ने हमारे उद्धार के लिए सूली पर चढ़कर अपना प्राण दान किया और क्रिसमस के दिन उनका जन्म हुआ। यह दिन ईसाई समुदाय में पवित्र रूप से मनाया जाता है।