विधानसभा के तीसरे सत्र के पहले दिन राज्य के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायती राज, ग्रामीण कार्य, जलागम, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज को घेरने की विपक्ष की रणनीति पूरी तरह विफल रही।
विपक्ष की ओर से विधायक मयूख महर ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से जानना चाहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पिथौरागढ़ में बनाए गए ट्यूलिप गार्डन की वर्तमान स्थिति क्या है। गार्डन बनाने में कितना पैसा खर्च हुआ और ट्यूलिप के पौधे कहां से लाए। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने सदन को बताया कि पिथौरागढ़ के मोस्टमानू में ट्यूलिप गार्डन प्रस्तावित है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मोस्टमानू मंदिर और पशुपतिनाथ मंदिर में 25,000 ट्यूलिप बल्ब लगाए गए थे, जिनका उपयोग वर्तमान में मंदिर समिति द्वारा किया जा रहा है। ट्यूलिप बल्ब प्लांटेशन पर कुल 22,17,515 रुपये खर्च किए गए। स्थानीय स्तर पर ट्यूलिप के बीजों का उत्पादन न होने के कारण ट्यूलिप गार्डन तैयार होने पर इसके रख-रखाव आदि पर अत्यधिक खर्च जैसी समस्याओं के कारण इसे लागू नहीं किया जा सकता है।
लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने सदस्य मयूख महर के चंद्रभागा नदी के ऊपरी हिस्से में विभाग द्वारा बनाए गए 18 मीटर स्पैन पुल के निचले हिस्से में बरसात के मौसम में अत्यधिक बारिश के कारण मोटर मार्ग बहने की समस्या का जवाब देते हुए कहा कि इस प्रकार की समस्या बहुत गंभीर होती है। इस स्थान पर स्पैन ब्रिज का निर्माण किया गया है जिस पर वर्तमान में यातायात सुचारू रूप से चल रहा है। इस मार्ग पर स्पैन आरसीसी पुलिया के निर्माण की स्वीकृति जिला योजना के तहत दी गई है।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने विधानसभा सदस्य वीरेंद्र कुमार द्वारा कृषि क्षेत्र को लाभान्वित करने के उद्देश्य से इकबालपुर नहर परियोजना से क्षेत्र के लोगों को तत्काल लाभ प्रदान करने के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा। निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड को 665 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने की व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार कर मुख्य अभियंता, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश को उपलब्ध कराया जाए। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से लगातार अनुरोध किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य वैकल्पिक माध्यमों पर भी कार्रवाई प्रस्तावित है। इसके अलावा सतपाल महाराज ने सदस्यों द्वारा पूछे गए अन्य सवालों के सही जवाब दिए और विपक्षी सदस्यों को निरुत्तर कर दिया।