रिपोर्ट-  दीपाली पासी और प्रियंका रावत

7 अगस्त राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है 1950 को देश में स्वदेशी आंदोलन शुरु हुआ था, स्वदेशी आंदोलन की याद में 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त 2015 को पहली बार चेन्नई में इस दिवस की शुरुआत की।


हथकरघा का अर्थ बिजली के बिना चलने वाली एक छोटी मशीन या करघा है इस करघे पर कपड़ो में हाथ से बुनाई की जाती है कालीन, मखमल, दरी, बनारसी साड़ी, खादी के कपड़े करघे द्वारा बनाए जाते हैं।
2014 में भाजपा सरकार सत्ता में आने के बाद 7 अगस्त 2015 को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की घोषणा की है इसका उद्देश्य लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने शुरुआत की, यह विभाग वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत आता है।


इस अवसर पर बुनकर को गर्व महसूस होने और बाजार तक आसानी से सामान की पहुंच के लिए भारत सरकार द्वारा न्यू हैडलूम पोर्टल नाम के एक ऐप की शुरुआत की है इस पोर्टल के माध्यम से लोगों को लोगों से, राज्यों से राज्यों तथा विदेश तक पहुंच आसान हो गई। इस पोर्टल के माध्यम से वस्तुओं के सभी दाम भी मिल रहे हैं तथा वस्तु के सही दाम का पता चल जाता है कोविड महामारी को देखते हुए फैशन डिज़ाइन कॉउन्सिल ऑफ इंडिया (FDCI) ने एक नया कोष शुरु किया जो उच्च किस्म वाले धागों से मास्क बनाने तथा उच्च मांग की पूर्ति के लिए कोष का निर्माण किया।


इसका उद्देश्य कोविड महामारी में लोगो द्वारा वस्त्र को खरीदा जाए जिससे बुनकर को उनकी आजीविका कमाने में मदद मिल सके।
2014 से BJP के सत्ता में आने के बाद एक बार फिर से हथकरघा उद्योग को बढ़ावा मिला, इसी के प्रति जागरुक करने के लिए प्रधानमंत्री ने 7 अगस्त 2015 से राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की घोषणा की।

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